अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और इन दोनों देशों पर दबाव बढ़ाने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता साजिद काजी ने कहा कि यह करार मई में समाप्त हो गया। वित्त विभाग इसके नवीकरण का प्रयास कर रहा है।
HC ने पिछले महीने गैर-दूरसंचार कंपनियों से AGR मामले में बकाया की मांग करना अनुचित करार दिया था
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 3 जुलाई तक देशभर में कुल 432.97 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 230.03 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी।
कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते लिया गया फैसला
भारत पेट्रोलियम का बाजार मूल्यांकन 85,316 करोड़ रुपए है और मौजूदा दर पर सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य 45,200 करोड़ रुपए बैठता है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
तेल टैंकर में ये धमाके पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत में शनिवार को हुआ। बताया जा रहा है कि टैंकर में थोड़ी देर के अंतराल पर 2 विस्फोट हुए थे।
5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर 74 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.22 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
असम के तिनसुकिया जिले के बागजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के गैस कुएं में लगी भीषण आग में दो लोगों की मौत हो गई है। दोनों शव को बरामद कर लिया गया है।
ऑयल इंडिया लिमिटेड के गैस के कुएं में आग लग गई है। ऑयल इंडिया लिमिटेड ने कल कहा था कि कुएं से अनिंत्रित रूप से गैस का रिसाव हो रहा था।
पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में तेल के एक डिपो में भयानक आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
भारत इस स्थिति का लाभ अपने तेल भंडारों को भरने के लिए कर रहा है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके साथियों के उत्पादन में कटौती पर सहमति जताने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने से सोमवार को एयरलाइन और तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में गिरावट हुई।
तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक और रूस के बीच उत्पादन कटौती के करार से सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया।
पेट्रोल पंप संगठन के मुताबिक लॉकडाउन से उनके पास नकदी की कमी हो गई है।
मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने मई और जून में उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने पर सहमति व्यक्त की है।
सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है।
फंड में सबसे ज्यादा 300 करोड़ रुपये का योगदान ओएनजीसी ने किया
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