30 मई 2019 को दिल्ली में Petrol की कीमत 6 पैसे घटकर 71.80 रुपए प्रति लीटर है। वहीं Diesel 6 पैसे घटकर 66.63 रुपए प्रति लीटर हो गई है बुधवार के मुकाबले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में काफी गिरावट देखने को मिली है।
तेल की बढ़ती कीमतों एवं अन्य मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक अहम बैठक करने वाले हैं।
तेल की कीमतों में वृद्धि फिलहाल रुकने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को भी पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि कर दी।
शनिवार को जहां दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं रविवार को यह 14 पैसे और बढ़कर कीमत 81.82 रुपये पर पहुंच गई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को तेल कीमतों पर रुख को लेकर विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके 'अनिच्छुक सहयोगी' इस मुद्दे पर केवल ट्वीट करने व मीडिया में बयान देने में व्यस्त हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में आर्थिक समीक्षा के लिए बैठक बुला सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में रुपए के अवमूल्यन को रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालेद अल फालेह ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतें वहन करने की क्षमता है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, GST के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और 2017-18 में देश की GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
अरब खाड़ी देशों के अरबों डॉलर के निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे दक्षिण एशिया के कामगारों को स्थानीय कंपनियों में अपनी नियुक्ति की फीस खुद चुकानी पड़ रही है।
निर्यात में दिसंबर में लगातार चौथे महीने सुधर हुआ और यह एक साल पहले इसी माह की तुलना में 5.72 प्रतिशत बढ़कर 23.9 अरब डॉलर रहा।
सरकार ने कहा कि कच्चे तेल के भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बने रहें तो उसके राजकोषीय समीकरणों और मुद्रास्फीति की गणना प्रभावित नहीं होगी।
अरूण जेटली ने कहा, भारत कच्चे तेल मूल्यों के मौजूदा स्तर से निपट सकता है लेकिन इसके और महंगा होने से इसका अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
मौसम विभाग द्वारा इस साल बारिश कम होने की संभावना से इनकार करने के बाद CII ने कहा, कच्चे तेल के भाव में थोड़ी बढ़ोतरी चिंता सामान्य मानसून से दूर हो जाएगी।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादक देश इस साल 240 अरब डॉलर (करीब 16,23,992 करोड़ रुपए) की इंटरनेशनल संपत्ति बेच सकते हैं।
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