सऊदी अरब के साथ तेल के खेल में अब रूस, अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील जैसे बड़े देश भी कूद गए हैं। खासतौर पर रूस सस्ते दाम पर तेल आफर कर रहा है। इस कारण भारत, चीन जैसे देश अब सऊदी अरब की बजाय रूस से तेल ज्यादा खरीद रहे हैं। इस कारण अरब ने तेल के दामों में बड़ी कटौती की है।
इजराइल और हमास में जंग के बीच तेल की कीमतों में आगामी समय बढ़ोतरी हो सकती है। तेल सप्लाई भी बाधित होने के आसार हैं। जब तेल सप्लाई बाधित होगी तो यह वैश्विक तेल बाजारों के लिए अच्छी खबर नहीं होगी। जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब चार महीनों में पहली बार एशियाई खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है। दरअसल, रूस द्वारा सस्ती दरों पर तेल बेचने के बाद ऑयल मार्केट में सऊदी अरब को काफी नुकसान हुआ है।
भारत ने रूसी तेल पर जी-7 देशों की पाबंदियों का समर्थन न करके एक बार फिर रूस से अपनी दोस्ती निभाई है। इस पर रूसी विदेश मंत्रालय ने भारत की सराहना की है। रूसी उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ अपनी बैठक में यह सराहना की।
Oil Price: विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों तेल और सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज की गई है और कच्चा पामतेल कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की परिस्थितियों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का प्रभाव दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। जानिए क्या और कैसे पड़ता है इसका प्रभाव।
सरकार अपने इमरजेंसी स्टॉक में से 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल रिलीज करेगी... लेकिन सरकार के इस फैसले पर भी राजनीति शुरू हो गई है, देखिए क्या है पूरा मामला इंडिया पर मुकाबला में
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल करीब 4 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल भी करीब 4 रुपये की ही बढ़त देखने को मिली है। नए साल में अब तक कीमतों में 14 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
इस महीने पेट्रोल और डीजल के दाम में अब तक आठ बार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 97 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है जबकि डीजल 1.67 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन को सीमा में रखने के लिए नए कदमों का असर
सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है।
ब्रेंट क्रूड ऑयल का दाम बुधवार को 28.73 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इससे पहले जनवरी 2016 में ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 27.98 डॉलर प्रति बैरल था।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के गिरते दामों को लेकर सोमवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण कच्चा तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव से कच्चे तेल में आग लगी हुई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है।
प्याज के साथ-साथ अब खाद्य तेल की महंगाई भी जोर पकड़ती जा रही है। मलेशिया और इंडोनेशिया से आयातित पाम तेल महंगा होने से देश में सोयाबीन और सरसों समेत तमाम तेल व तिलहनों के दामों में तेजी का रुख बना हुआ है।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते हफ्ते कच्चे तेल के दाम में फिर तेजी लौटी है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 63 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है और आगे और तेजी रहने की संभावना जताई जा रही है।
पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार चौथे दिन कटौती हुई है। पिछले चार दिनों में पेट्रोल 36 पैसे और डीजल 55 पैसे तक सस्ता हुआ है।
आज शुक्रवार (31 मई 2019) को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में सात पैसों की कमी आई है। डीजल के दामों में 12 पैसे की कमी आई है।
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