रूस और भारत की दोस्ती ठोस और पारंपरिक है। कई मौकों और मंचों पर दोनों देश एकदूसरे की तारीफ करते हैं। भारत ने कई मंचों पर रूस को अपना पारंपरिक मित्र बताया है। वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी की तारीफ कई बार की है। ताजा मामले में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय समकक्ष जयशंकर की तारीफ की है।
रूस से कच्चा तेल खरीदने के बाद अब भारत वेनेजुएला से भी कच्चा तेल खरीदने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जहां से भी सस्ता तेल मिलेगा, हम खरीदेंगे।
Oil Import: रूस से तेल के आयात के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, किसी ने भारत को रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है। उन्होंने कहा, भारत कहीं से भी तेल खरीदेगा, इसका सीधा सा कारण है कि इस तरह की चर्चा को भारत की उपभोक्ता आबादी तक नहीं ले जाया जा सकता।
ऐतिहासिक रूप से, भारत के लिए फॉसिल फ्यूल का प्रमुख स्रोत रूस नहीं रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में भारत में रियायती दर पर रूसी कच्चे तेल के इंपोर्ट में भारी वृद्धि देखी गई है, जबकि पश्चिमी देश इस पर आपत्ति जता चुके हैं।
Crude oil: पिछले 5 माह में पहली बार जुलाई में रूस से कच्चे तेल का आयात नीचे गिरा है। वहीं भारत ने अरब से पिछले 5 माह के मुकाबले जुलाई माह में ज्यादा तेल खरीदा है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की परिस्थितियों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का प्रभाव दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। जानिए क्या और कैसे पड़ता है इसका प्रभाव।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि सरकार 2020 तक तेल आयात पर निर्भरता में 10 प्रतिशत की कमी लाने के रास्ते पर है।
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने विद्युत-वाहनों के साथ ही हाइब्रिड और सीएनजी कारों के लिये भी कर में छूट देने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि इससे देश में आवागमन की कम प्रदूषणकारी प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है। इसमें ईरान से तेल खरीदने वाले यूरोप, एशिया तथा अन्य सभी देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
ईरान के सरकारी टीवी पर दिखाया गया कि देश के उत्तरी हिस्से में रक्षा बलों द्वारा हवाई अभ्यास किया जा रहा है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से ड्रोन को मार गिराने का दृश्य भी दिखाया गया। यह अभ्यास मंगलवार को जारी रहेगा।
अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित ईरान से तेल खरीदने वाले अन्य देश चार नवंबर को ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें। इस दिन के बाद अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लागू हो जायेंगे।
अपने निर्देश में ट्रंप ने कहा है कि ईरान के अलावा अन्य देशों से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पर्याप्त है और यह ईरान या अन्य विदेशी वित्तीय संस्थानों के माध्यम से खरीदे जाने वाले पेट्रोलियम या पेट्रोलियम उत्पादों की मात्रा में पर्याप्त कमी लाने के लिए काफी है।
पाकिस्तान में होती है बड़े पैमाने पर ईरान से तेल की तस्करी
नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत को तेल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ईरान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ईरान के प्रति अमेरिकी विदेश नीति कर चर्चा के लिए भारत के अलावा यूरोप की भी यात्रा करेंगे।
भारत ने अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल व्यापार का पहला स्पष्ट संकेत दिया है।
ईरान के विदेश मंत्री का कहना है कि अमेरिका की कोरी धमकियों के बावजूद तेहरान से भारत को किए जाने वाली तेल की बिक्री जारी रहेगी।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
ईरान से कच्चे तेल आयात संबंधी प्रतिबंध नवंबर से लागू हो जाने के बाद भारत अपने इस तीसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देश को कच्चे तेल के लिए एक बार फिर से रुपये में भुगतान कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लेने के बाद ईरान पर नये सिरे ये प्रतिबंध लगाये गये थे। अमेरिका ने भारत समेत अन्य देशों को ईरान से पेट्रोल का आयात घटाकर चार नवंबर तक "शून्य" करने को कहा है। साथ ही स्पष्ट किया है कि इसमें किसी को भी किसी तरह की छूट नहीं दी जायेगी।
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