वर्कस्पेस यानी ऑफिस स्पेस की डिमांड 1.61 करोड़ वर्ग फुट से 18 प्रतिशत बढ़कर 1.9 करोड़ वर्ग फुट हो गई। ये वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने की इच्छा रखने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों की हाई डिमांड से प्रेरित रही।
भारत को अब दुनिया का ऑफिस कहा जाने लगा है। भारत में डिमांड एशिया और वास्तव में बाकी दुनिया में सबसे ज्यादा है। सात प्रमुख शहरों में भारतीय कार्यालय बाजार में बहुत मजबूत मांग देखी जा रही है।
देश में ऑफिस स्पेस की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत में 2023 में ऑफशोरिंग इंडस्ट्री में 27.3 मिलियन वर्ग फीट (वर्ग फीट) की कुल लीजिंग वॉल्यूम देखी गई थी।
आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है।
काम की इस अवधि में आधे घंटे का भोजनावकाश नहीं होगा। इसके बावजूद कर्मियों को एक घंटे कम काम करना होगा।
जेएलएल ने देश के सात प्रमुख शहरों में अक्टूबर के दौरान ऑफिस स्पेस के बारे में पड़ताल की। जेएलएल की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
राजग सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय बिहार में 19 लाख नौकरियों का वादा किया था और आईटी क्षेत्र में रोजगार सृजन की काफी संभावनाएं हैं।
देश की राजधानी दिल्ली का दिल कहा जाने वाला कनॉट प्लेस कोई कार्यालय खोलने के लिए दुनिया की नौंवी सबसे महंगी जगह है।
राष्ट्रीय राजधानी का कनॉट प्लेस दुनिया में 9वां सबसे महंगा ऑफिस स्थल है। प्रोपर्टी कंसल्टैंट सीबीआरई के मुताबिक कनॉट प्लेस का सालाना किराया 153 डॉलर प्रति वर्ग फुट है।
एसबीआई ने पांच सहयोगी बैंकों के स्वयं में विलय के बाद इनके 47 प्रतिशत कार्यालय बंद करने का फैसला किया है। पांच सहयोगी बैंकों का विलय 1 अप्रैल से शुरू होगा।
वर्ष 2016 में दिल्ली-NCR में ऑफिस को किराए पर लेने यानि ऑफिस लीजिंग में आठ प्रतिशत की कमी आई है जिसकी मुख्य वजह आपूर्ति कम रहना है।
संपत्ति परामर्शक कंपनी CBRE के अनुसार 2016 की दूसरी तिमाही में ऑफिस स्पेस की खपत 46 फीसदी बढ़कर 1.02 करोड़ वर्ग फीट से अधिक हो गई।
दिल्ली-NCR में मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में शुद्ध रूप से कार्यालय के लिये 24 लाख वर्ग फुट जगह ली गयी जो 39 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
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