अडाणी ने एक ट्वीट मे कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद करना तथा बच्चों को बेहतर कल देना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने ट्वीट किया, ''उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसे में 288 लोगों की जान चली गई और लगभग 1000 लोग घायल हुए हैं। भारतीय रेल हादसों के इतिहास में यह अब तक का तीसरा सबसे बड़ा हादसा है।
ओडिशा रेल हादसे में मरने वालों में 7 लोग बिहार के हैं। इसके अलावा बिहार के 36 अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं, जबकि 6 लापता हैं। बिहार के जिन 7 लोगों की मौत हुई उनमें 3 मधुबनी जिले से, 2 जमुई जिले से, 1 नवादा और 1 पूर्वी चंपारण जिले से हैं।
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर रेलवे की प्रेस कांफ्रेंस जारी। रेलवे ने बयान जारी कर बताया कि तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर नहीं हुई थी। सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से हुआ था हादसा।
Odisha-Balasore Train Accident: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा बयान दिया है। रेल मंत्री ने कहा है कि इस हादसे के मूल कारण का पता लगा लिया गया है। रेल मंत्री ने कहा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव की वजह से ये हादसा हुआ। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग यानि ट्रेन के सिग्नल से छेड़छाड़
बालासोर ट्रेन हादसे पर मनोज तिवारी का बयान सिग्नल के इलेक्ट्रिक सिस्टम को छेड़ा गया है- मनोज तिवारी इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ मानवीय भूल नहीं- मनोज तिवारी इलेक्ट्रिक सिस्टम को छेड़ना साजिश हो सकती है- मनोज तिवारी ये सामान्य घटना नहीं, बड़ी साजिश की आशंका- मनोज तिवारी
शुक्रवार शाम ओडिशा में हुए इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के मदद लोग मदद के लिए बढ़-चढ़कर सामने आ रहे हैं।
ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हादसे की वजह पता चल गई है। इसके साथ ही उन्होंने बुधवार तक हालात सामान्य होने की बात भी कही है।
ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के पीड़ितों के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम, एलआईसी ने बड़ा ऐलान किया है। निगम ने कई नियमों में छूट दी है और साथ ही जानकारी के लिए कॉल सेंटर नंबर (022-68276827) भी जारी किया है।
Odisha- Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर के पास हुए रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है. 300 से ज्यादा घायलों का इलाज जारी है. घायलों में 50 से ज्यादा यात्रियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर हुए हादसे में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं इस हादसे में लगभग 1000 लोग घायल भी हुए हैं। इस हादसे से रेलवे ने बड़ा सबक लिया है।
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गहरा दुख जताया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेलवे को तो चौपट कर दिया है इस सरकार ने।
बालासोर के अस्पतालों में डॉक्टर घायल लोगों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इस हादसे में अब तक 288 लोगों के जान गंवाने की पुष्टि हो चुकी है और 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे का असर बाकी ट्रेनों पर भी पड़ा है। कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई को डायवर्ट किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासोर जाकर खुद घटनास्थल का मुआयना किया है और स्वास्थ्य मंत्री और कैबिनेट सचिव से फोन पर बात की है। इसके बाद पीएम मोदी बालासोर में घायलों से भी मिलने पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रेन हादसे की साइट पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। अडिशा के बालासोर में पीएम मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मामले की पूरी रिपोर्ट ली इसके बात उन्होंने सीधे दिल्ली फोन लगाया।
ओडिशी के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही हैं कि क्या यह तकनीकी खराबी की वजह से हुआ, मानवीय भूल या किसी साजिश के तहत, जानें-
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बालासोर में दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अगर एंटी कोलिजन डिवाइस होता तो हादसा टल सकता था।
ओडिशा के बालासोर में भयानक ट्रेन हादसा हुआ। ट्रेन हादसे की शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस रूट में ट्रेन एक्सीडेंट हुआ उसमें कवच सिस्टम नहीं था। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ट्रेन में कवच सिस्टम कैसे काम करता है और ट्रेन हादसे को कवच कैसे रोकता है।
13 फरवरी 2009 को ओडिशा के जाजपुर रोड के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। उस हादसे में 16 यात्रियों की मौत हो गई थी और 161 घायल हो गए थे।
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