उड़ीसा के बालासोर का रेल हादसा अभी भी जेहन में ताजा है। इस बीच ऑस्ट्रिया में बालासोर से भी बड़ा रेल हादसा होने वाला था। दरअसल ट्रेन जिस रेलवे सुरंग से गुजर रही थी, उसी में आग लग गई और पूरी रेलगाड़ी उसकी चपेट में आ गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि फायर विभाग और राहत व बचाव दलों की सतर्कता से यात्रियों को बचा लिया गया।
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा कि 82 शवों की शिनाख्त की जा रही है। हम दावेदारों के सत्यापन के लिए संबंधित राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। किसी भी विवाद की स्थिति में हम शव नहीं सौंप रहे हैं।
ट्रेन हादसे के बाद भारत आए रामानंद के बारे में नेपाल में रहने वाले उनके माता-पिता को कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद माता-पिता अपने बेटे की तलाश में नेपाल से ओडिशा आ गए।
ठेकेदार द्वारा रेलवे के काम के लिए लगाए गए मजदूर वहां खड़ी मालगाड़ी के नीचे आश्रय ले रहे थे। तेज हवा के जोर पर जब मालगाड़ी के वैगन चलने लगे, तो मजदूर पटरियों से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे।
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ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे की जांच कर रही सीबीआई की टीम आज भी घटनास्थल का मुआयना करेेगी और साक्ष्य इकट्ठा करने की कोशिश करेगी।
Odisha Train Accident: बालासोर हादसे की सीबीआई जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. सीबीआई की टीम घटनास्थल पर तीन बार जा चुकी है.. आज एक बार फिर टीम घटनास्थल पर होगी. सीबीआई की टीम आज भी घटनास्थल से अहम सबूत जुटाने की कोशिश करेगी.
Odisha- Balasore Train Accident: आज बालासोर में हुए भयानक रेल एक्सीडेंट में कई नई बातें सामने आईं....आज ये क्लीयर हो गया है कि बालासोर में भयानक रेल एक्सीडेंट टेक्निकल error के कारण नहीं हुआ
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना कितना भयावह था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस हादसे में बचे पीड़ित व्यक्ति ठीक से खाना तक नहीं खा पा रहे हैं। पढ़ें उस दिन के हादसे की दर्दनाक कहानी पीड़ित व्यक्ति की जुबानी...
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद विश्वजीत को मरा हुआ समझकर मुर्दाघर में रखा गया था।उनके शरीर में कोई मूवमेंट नहीं थी, इसलिए उसे मरा हुआ मान लिया गया था। लेकिन उनके पिता हेलाराम मलिक ने उनके शरीर को ढूंढा और फिर उनका बेहतर इलाज करवाया। विश्वजीत अब जिंदा हैं और पिता का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
Odisha-Balasore Train Hadsa: रेल हादसे पर आज की बड़ी खबर ये है कि सीबीआई ने बालासोर ट्रेन हादसे की जांच के लिए केस दर्ज कर लिया है। लेकिन हादसे में मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। आज ये संख्या बढ़ कर 288 हो गयी।इससे से भी ज्यादा अफसोस की बातये है कि एक्सीडेंट में मारे गए लोगों पर सियासत खत्म
ओडिशा रेल हादसे में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। इस हादसे मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया है। गौरतलब है कि हालही में रेल मंत्री रेलवे वैष्णव ने बताया था कि रेलवे बोर्ड ने सीबीआई से इस मामले की जांच करने के लिए सिफारिश की है।
भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई थी और 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट की जांच CBI से किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद CBI की एक टीम एक्सीडेंट साइट पर पहुंची। बालासोर रेलवे पुलिस ने इस मामले में 3 जून को FIR दर्ज की थी।
CBI ने एक्सीडेंट वाली जगह से अहम सबूत जुटाए हैं। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट की जांच CBI से किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद CBI की एक टीम एक्सीडेंट साइट पर पहुंची।
ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है। दुर्घटना में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स-3 ने उड़ीसा के बालासोर हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपनी गहरी संवेदनाएं भेजी हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि रेलवे बोर्ड ने CBI से जांच की सिफारिश की है। इस मामले में ताजा खबर ये आई है कि अभी तक सीबीआई ने इस केस को टेकओवर नहीं किया है।
फाउंडेशन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ट्रेन एक्सीडेंट में हताहत लोगों को राहत पहुंचाने के लिए रिलायंस फाउंडेशन ने अपनी ओर से विशेष आपदा प्रबंधन टीम को तैनात किया है जो दिन-रात पीड़ितों को मदद पहुंचाने का काम कर रहा है। इसके तहत घायल लोगों को इलाज से लेकर दूसरी जरूरत को पूरा करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही
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