रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी संसद के निचले सदन ने परमाणु परीक्षण को रोकने वाली संधि के अनुमोदन को रद्द करने वाले विधेयक को अंतिम मंजूरी दे दी है। अब यह उच्च सदन में जाएगा। पुतिन पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं। लिहाजा विधेयक वहां से भी पास होना तय है। रूस के इस कदम से यूक्रेन पर परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में परमाणु हमले के इस्तेमाल की आशंका बढ़ने के बाद अब अमेरिका ने भी परमाणु परीक्षण करने का खुला ऐलान कर दिया है। इससे पूरी दुनिया में दहशत फैल गई है। क्या माना जाए कि तीसरे विश्वयुद्ध की घड़ी अब बेहद नजदीक आने वाली है, आखिर अमेरिका को क्यों अचानक परमाणु परीक्षणों की जरूरत पड़ गई।
चीन सहित पड़ोसी देशों के विरोध के बावजूद जापान रेडियोएक्टिव जल छोड़ रहा है। पहली खेप खत्म होने के बाद अब जापान ने दूसरी खेप छोड़ना शुरू कर दिया है। इसके लिए संशोधित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के लिए एक पंप चालू कर दिया।
अमेरिका और उत्तर कोरिया में ठन गई है। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी चेतावनियों के बावजूद न्यूक्लियर हथियार और परमाणु मिसाइलों का परीक्षण जारी रखा है। वह अमेरिका के खिलाफ युद्ध की तैयारी में जुटा है। लिहाजा अब पेंटागन उत्तर कोरिया के विनाशक हथियारों को नष्ट करने का प्लान बनाने लगा है। इससे किम जोंग बौखला गए हैं।
चीन की परमाणु पनडुब्बी ने दुश्मनों के लिए जो जाल बिछाया, खुद उसी में फंस गई। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिस्टम फेल होने की वजह से दम घुटने से 55 नौसैनिकों की मौत की आशंका है। यूके की एक सीक्रेट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच कुछ न कुछ खिचड़ी तो जरूर पक रही होगी। क्या पुतिन अब यूक्रेन पर परमाणु हमला करना चाहते हैं, जिसके बाद यूरोप और अमेरिका के रिएक्शन का अंदाजा लगाकर उन्होंने अपने मित्र चीन और उत्तर कोरिया के साथ कोई गुप्त डील की है।
देश से कार्बन उत्सर्जन का ग्राफ जीरो करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए भारत सबसे ज्यादा गंभीर है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत परमाणु ऊर्जा, हाईड्रोजन ऊर्जा और सौर ऊर्जा का बड़ा केंद्र बनने वाला है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी भी भारत के लक्ष्य की मुरीद हो गई है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम में तेजी पर नाराजगी जताई है। साथ ही धमकी भी दे डाली है कि यदि ईरान ने परमाणु हथियार बनाए तो हम भी पीछे नहीं रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का मुद्दा गूंजा। जापान ने कहा कि वह पूरे विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अगुवाई करना चाहता है। वहीं ईरान ने अमेरिका पर पूर्व के परमाणु समझौते पर लौटने के लिए इच्छाशक्ति दिखाने की बात कही।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की बर्बादी का सामान जुटाना शुरू कर दिया है। ये दोनों ही देश उत्तर कोरिया के जानी दुश्मन हैं। अक्सर इन देशों से किम की ठनी रहती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में मास्को को परमाणु मिसाइल और गोला-बारूद की आपूर्ति के बदले उन्हें पुतिन से परमाणु बमवर्षक विमान चाहिए।
पाकिस्तान भले ही दाल-रोटी और आटे, चावल व सब्जी के लिए तरस रहा हो, लेकिन वह तेजी से अपने परमाणु जखीरे को बढ़ा रहा है। यह बात हम नहीं कह रहे , बल्कि एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने एक रिपोर्ट में दावा किया है। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक पाकिस्तानी परमाणु हथियारों की संख्या 170 से बढ़कर 200 से अधिक हो सकती है।
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र में आम सहमति बनाते हुए बतौर अध्यक्ष दुनिया को बड़ा संदेश देने वाला ऐलान किया है। नई दिल्ली की ओर से आम सहमति से जारी डिक्लेरेशन में रूस-यूक्रेन युद्ध और तीसरे विश्व युद्ध के खतरों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और धमकी को अस्वीकार्य बताया गया है।
अमेरिकी नौसेना के लिए उत्तर कोरिया ने सदमा देने वाला दावा किया है। उत्तर कोरिया ने परमाणु हमले में सक्षम न्यूक्लियर सबमरीन विकसित करने का दावा करके अमेरिका समेत दक्षिण कोरिया को भी चौंका दिया है। इससे किम जोंग उन के खतरनाक इरादों को समझा जा सकता है।
यूक्रेन के ड्रोन हमलों से बौखलाए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अब युद्ध क्षेत्र में अंतरद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दी है। इसका इस्तेमाल हुआ तो यह यूक्रेन में भीषण तबाही मचा सकती है। क्या पुतिन ने अब यूक्रेन पर इस मिसाइल के इस्तेमाल का मूड बना लिया है, क्या अब वाकई युद्ध का पूरी तरह खात्मा होने वाला है।
सुनामी से तबाह हुए फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर प्लांट से 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जापान ने छोड़ना शुरू कर दिया है। इस पानी के छोड़ने से चीन और हांगकांग व दक्षिण कोरिया जैसे देश डर गए हैं। चीन ने जापान पर यह पाबंदी लगा दी है।
भारत ने जिस चांद पर आज अपना परचम फहराया है, उसे अमेरिका ने कभी न्यूक्लियर बम से उड़ाने की प्लानिंग कर डाली थी। अगर तब अमेरिका ने चांद पर परमाणु बम विस्फोट कर दिया होता तो आज चांद किस दशा में होता, इसकी कल्पना कर पाना भी मुश्किल होता। अमेरिका का यह सीक्रेट प्लान कामयाब हो गया होता तो इससे पूरी मानवता को खतरा हो सकता था।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को विकसित भारत की नींव रखने वाले पीएम के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की, वो आज भी देश के लिए अहमियत रखे हुए हैं।
भारत और फ्रांस स्ट्रटेजिक पार्टनर रहे हैं। फ्रांस से राफेल खरीदने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। अब समंदर में भारत की ताकत बढ़ाने की बारी है। इसके लिए दोनों देशों के बीच 6 परमाणु पनडुब्बियों को लेकर बात चल रही है।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन आखिर क्या करने वाले हैं, क्या वह किसी देश पर हमला करने जा रहे हैं...अगर नहीं तो फिर उन्होंने अपने सैनिकों को युद्ध में तैयार रहने को क्यों कहा। सैनिकों को युद्ध की तैयारी का निर्देश क्यों दिया। किम जोंग ने अचानक बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्री और परमाणु बम के जखीरों का निरीक्षण क्यों किया।
नौ वर्षों में नई ताकत के साथ उभरी भारतीय सेना ने दुश्मनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सेना अत्याधुनिक हथियारों, राफेल लड़ाकू विमानों, आइएनएस विक्रांत जैसे युद्धपोतों और खतरनाक परमाणु पनडुब्बियों से लैश है। अब पाकिस्तान और चीन भी भारत की नई सेना की ताकत से हैरान हैं।
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