व्लादिमीर पुतिन ने रूस की परमाणु नीति को बदल दिया है। नई नीति के अनुसार अब रूस पर हमले का समर्थन करने वाली परमाणु शक्ति को आक्रमणकारी माना जा सकता है।
यूक्रेन को रूस पर पश्चिमी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की चर्चाओं के बीच पुतिन ने परमाणु जंग की असली तैयारी शुरू कर दी है। नाटो की सीमा पर रेडियोएक्टिव स्पाइक की मौजूदगी से नाटो से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मच गया है।
अगर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए पश्चिमी मिसाइलों और हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो यह जंग खतरनाक हो सकती है। ऐसे में पुतिन एक नया परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने परमाणु बमों का जखीरा बढ़ाना चाहते हैं। अभी उनके पास करीब 50 परमाणु हथियार हैं। मगर वह इसकी संख्या 150 के पार ले जाना चाहते हैं। किम ने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित न्यूक्लियर यूरेनियम साइट का निरीक्षण किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने पर अब परमाणु युद्ध की आशंका फिर से तेज हो रही है। अगर भारत, ब्राजील और चीन की ओर से युद्ध में शांति के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं होते तो दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। क्योंकि परमाणु युद्ध का असर किसी न किसी रूप में पूरे विश्व पर होगा।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपने देश की परमाणु शक्ति को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक भाषण के दौरान कहा था कि उत्तर कोरिया को गंभीर खतरा है।
दुनिया की सबसे ताकतवर पनडुब्बी रूस की टायफून क्लास है। इसकी विशालकाय संरचना और चुपचाप रहने की क्षमता बेजोड़ है। नौसेना के विशेषज्ञ इसे बेहद सम्मान के साथ देखते हैं।
रूस चंद्रमा में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की तैयारी में है। रूस की इस परियोजना का मकसद चंद्रमा में बनने वाले बेस को ऊर्जा की आपूर्ति करना है। रूस का यह कदम बेहद अहम और अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत का संकेत है।
रूस की मौजूदा न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को वर्ष 2020 में संशोधन किया गया था। रूस की परमाणु नीति उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का बेहद अहम हिस्सा है। चलिए जानते हैं कि रूस की न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन क्या है और क्या इसमें बदलाव की संभावना है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का कहना है कि ईरान ने अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को हथियार-ग्रेड स्तर के करीब तक बढ़ा लिया है। जानकारी के मुताबिक, ईरान हथियार बनाने से बस छोटे से तकनीकी कदम की दूरी पर है।
आधिकारिक तौर पर इसके शामिल होने के बाद भारत के पास दो एसएसबीएन न्यूक्लियर सबमरीन हो जाएंगी। इससे पहले साल 2016 में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ को जंगी बेड़े में शामिल किया था।
रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ के बाद प्लांट में बड़े परमाणु हादसे का खतरा होने की चेतावनी ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। जंग वाले क्षेत्र से यह प्लांट सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में IAEA प्रमुख की चेतावनी है कि यहां किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना की खबर आ सकती है।
बिहार के गोपाल जिले में संदिग्ध पदार्थ पाए जाने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस रेडियो एक्टिव पदार्थ को कैलिफोर्नियम माना जा रहा है। इसकी पुख्ता जांच के लिए मुंबई से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से टीम गोपालगंज आई हुई है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का मिसाइल प्रेम जगजाहिर है। किम ने अब जिस तरह का कदम उठाया है उससे दुनिया में हड़कंप मच गया है। सरकार ने अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैन्य इकाइयों को परमाणु सक्षम 250 मिसाइल लॉन्चर सौंपे हैं।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, मुआवजा देने के बाद भी जमीन खाली नहीं की जा रही थी। इस कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
रूस की सेना तीसरी बार परमाणु हथियारों के साथ अभ्यास कर रही है। ये सभी रणनीतिक परमाणु हथियार हैं। यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना की इस तरह की तैयारियों को देखकर यूक्रेन से लेकर यूरोप तक हड़कंप मच गया है कि आखिर पुतिन क्या करने वाले हैं?
क्या आपने कभी टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का नाम सुना है, आखिर ये क्या होते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में इनके इस्तेमाल की आशंका अचानक क्यों तेज हो गई है। अगर युद्ध में इनका इस्तेमाल हुआ तो कितनी बड़ी तबाही हो सकती है। परमाणु बमों से टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन किस तरह अलग हैं।
ईरान में भले ही राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सत्ता बदल गई हो, लेकिन उसके इरादे नहीं बदले हैं। नए राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियन के कार्यकाल में भी ईरान अपने परमाणु इरादों के साथ तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार तेहरान परमाणु बम बनाने के काफी करीब पहुंच चुका है।
ट्रम्प के रनिंग मेट बने जेडी वेंस ने अपने एक बयान से ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक बवाल मचा दिया है। उन्होंने ब्रिटेन को "परमाणु हथियारों वाला वास्तविक इस्लामिक राष्ट्र" की संज्ञा दे डाली है। हालांकि ब्रिटेन ने उनकी इस टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया है।
अगर आपसे पूछा जाए..कि दुनिया का सबसे ताकतवर Non-Nuclear Bomb किसके पास है? तो आप कहेंगे..अमेरिका का Mother Of All Bombs..रूस का Father Of All Bombs...लेकिन अगर हम आपसे ये कहें..कि भारत ने अमेरिका और रुस को टक्कर देने वाला एक Non-Nuclear Bomb बना लिया है..तो आप भी चौंक जाएंगे।
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