ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से बाहर निकलने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से संयक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस बेहद चिंतित हैं।
ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद ब्रिटेन , फ्रांस , जर्मनी , यूरोपीय संघ और कनाडा सहित उसके कई शीर्ष सहयोगियों ने खेद व्यक्त करते हुए चिंता जाहिर की है।
ट्रंप ने यह फैसला कर प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों तथा अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज किया। अपने चुनाव प्रचार के समय से ही ट्रंप ने ओबामा के समय के ईरान परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की है। उन्होंने समझौते को खराब बताया था।
ईरान परमाणु समझौते पर डोनाल्ड ट्रंप आज निर्मय लेंगे। इससे पहले ट्रंप कई बार इस समझौते से अलग होने की बात कर चुके हैं। गौकतलब है कि ब्रिटेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान से परमाणु समझौता नहीं तोड़ने की अपील की थी।
ब्रिटेन के विदेश सचिव बॉरिस जॉनसन आज से दो दिवसीय अमेरिकी दौरे की शुरुआत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान ईरान परमाणु समझौता , सीरिया और उत्तर कोरिया के मुद्दे एजेंडे मे शीर्ष पर होंगे।
इस्राइली प्रधानमंत्री ने 3 अहम अंतर्राष्ट्रीय नेताओं मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से बात की...
ब्रिटेन में ईरान के दूत ने कहा है कि अमेरिका के परमाणु समझौते से पीछे हटने की सूरत में ईरान भी इससे बाहर होने पर विचार कर सकता है। ब्रिटेन में ईरान के शीर्ष राजदूत हामिद बेदिनेजाद ने आज प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में यह बात कही।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आज कहा कि ईरान के परमाणु हथियारों के संबंध में इस्राइल की ओर से जारी नयी खुफिया जानकारी सही है और इसमें मिली ज्यादातर सूचनाएं अमेरिकी विशेषज्ञों के लिए नयी हैं।
साथ ही ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ निर्धारित शिखर वार्ता होने का भरोसा जताया...
इस्राइली प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर ईरान के परमाणु डोजियर को बेनकाब करते हुए वीडियो एवं स्लाइड के माध्यम से लाइव प्रजेंटेशन दिया...
शुक्रवार को मून और किम के बीच हुई शिखर वार्ता में उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी से निरस्तीकरण करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था...
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने मई में देश के परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने और इसे दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका के विशेषज्ञों तथा पत्रकारों के लिये खोलने की बात कही है।
माना जा रहा है कि जल्द ही पाकिस्तान एटमी हथियारों के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बाद का दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान का एटमी हथियारों की तैनाती के फैसले से दक्षिण ऐशियाई देशों को खतरा हो सकता है।
ईरान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका अगर 2015 के परमाणु समझौते से अलग होने का फैसला लेता है तो ऐसी स्थिति में उनका देश भी प्रतिक्रियास्वरूप परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) तोड़ने के कदम पर विचार कर सकता है।
परमाणु परीक्षण रोकने की उत्तर कोरिया के नेता किम जांग उन की घोषणा का मास्को ने स्वागत किया है और अमेरिका तथा प्योंगयांग से तनाव कम करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है।
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने वादा किया है कि उसका देश अब कोई परमाणु या बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट नहीं करेगा।
किम जोंग उन के इस फैसले को काफी अहम इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि यह घोषणा ऐसे वक्त की गई है जब वो कुछ दिन बाद ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से एक समिट में मिलने वाले हैं।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने परमाणु समझौते के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी धमकी दी है...
इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख को ‘‘100 फीसदी यकीन’’ है कि ईरान परमाणु बम विकसित करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान के साथ किये गए परमाणु समझौते को रद्द करने का अनुरोध किया है।
अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे वाली सूची में पाकिस्तान की सात कंपनियों का नाम शामिल किया है। इन कंपनियों के बारे में कहा गया है कि ये कथित तौर पर परमाणु कारोबार में संलिप्त हैं।
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