अगर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए पश्चिमी मिसाइलों और हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो यह जंग खतरनाक हो सकती है। ऐसे में पुतिन एक नया परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है।
चीन से चार कदम आगे चलते हुए उत्तर कोरिया परमाणु बम बनाने का पूरा जतन कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने चेताया है कि किम जोंग उन अमेरिका से मुकाबला करने के लिए अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के मद्देनजर यह कदम उठा रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार उत्तर कोरिया के पास 100 से अधिक परमाणु हथियार हैं।
जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास की जंग का दंश झेल रही है, तब ऐसे वक्त में चालबाज चीन परमाणु परीक्षण की गुप्त तैयारी में जुटा है। चीन अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु संचालित हथियारों की क्षमता के परीक्षण व ताकत बढ़ाने को यह तैयारी कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से ये दावा किया।
अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूके, भारत-पाकिस्तान और उत्तर कोरिया व इजरायल समेत दुनिया के कई ताकतवर देश परमाणु संपन्न देशों में हैं। अमेरिका और रूस में परमाणु हथियरों को बनाने की दौड़ में सबसे आगे निकलने की बड़ी होड़ लगी है। दुनिया के अन्य देश भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहते।
रूसी संसद के उच्च सदन ने अपने एक फैसले से यूक्रेन से लेकर अमेरिका तक खलबली मचा दी है। रूसी संसद ने परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने वाले अनुमोदन को रद्द करने के विधेयक को पारित कर दिया है। अब इसे राष्ट्रपति पुतिन के पास अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है। इससे नए परमाणु परीक्षणों और न्यूक्लियार वार की आशंका बढ़ी है।
पाकिस्तान से 4 वर्षों तक निर्वासित रहने के बाद स्वदेश लौटे पूर्व पीएम नवाज शरीफ चुनावी मोड में आ गए हैं। शनिवार को उन्होंने लाहौर पहुंचते ही पहले लोगों को महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी से बाहर निकालने का सपना दिखाया। फिर 1998 में परमाणु परीक्षण को लेकर कहा अमेरिका इसे रोकवाने के लिए हमें 5 अरब डॉलर दे रहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध में परमाणु हमले के इस्तेमाल की आशंका बढ़ने के बाद अब अमेरिका ने भी परमाणु परीक्षण करने का खुला ऐलान कर दिया है। इससे पूरी दुनिया में दहशत फैल गई है। क्या माना जाए कि तीसरे विश्वयुद्ध की घड़ी अब बेहद नजदीक आने वाली है, आखिर अमेरिका को क्यों अचानक परमाणु परीक्षणों की जरूरत पड़ गई।
उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रमों को तेजी से अंजाम दे रहा है। इससे दक्षिण कोरिया ही नहीं, बल्कि नाटो देश भी परेशान हो चुके हैं। अमेरिका भी कई बार किम जोंग उनक को चेतावनी दे चुका है। मगर किम जोंग उन मानने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे उत्तर कोरिया के साथ नाटो देशों का तनाव बढ़ना तय है।
परमाणु परीक्षण के बाद देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खुद धमाके वाली जगह पर गए थे। भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की अगुआई में यह मिशन कुछ इस तरह से अंजाम दिया गया कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया को इसकी भनक तक नहीं लगी।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच उत्तर कोरिया के बॉर्डर पर चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर किम जोंग उन बेहद खफा हैं। इस दौरान संयुक्त अभ्यास की समय सीमा बढ़ाने जाने से किम जोंग उन समेत उनकी बहन ने भी अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर उग्र कार्रवाई की धमकी भी दे डाली है।
North Korea Nuclear Test :दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन ने कहा कि उत्तर कोरिया अगर इस दिशा में आगे बढ़ता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।
America threatens North Korea: अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण विस्फोट करता है तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान के रेलमंत्री शेख राशिद ने शनिवार को दावा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वर्ष 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में परमाणु परीक्षण करने के खिलाफ थे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी ने अपनी सूझबूझ साहस व दूरदर्शिता दिखाते हुए अमेरिका जैसे देश की जासूसी को धता बताते हुए 11 मई 1998 को खेतोलाई गांव के पास परमाणु परीक्षण करने के बाद दोपहर 4 बजे एलान किया कि 'भारत में बुद्ध मुस्कराए है'।
अमेरिका ने चीन पर गुपचुप तरीके से कम शक्ति वाले परमाणु परीक्षण का आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है कि इस तरह के विस्फोट पर प्रतिबंध के अंतरराष्ट्रीय करार के बावजूद चीन ने ऐसा कदम उठाया है।
18 मई 1974 को भारत ने राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर एक गांव में परमाणु परीक्षण किया और दुनिया को बताया कि भारत भी परमाणु शक्ति वाला देश हैं। ये परमाणु परीक्षण लोहारकी गांव के पास मलका गांव के एक सूखे कुएं में किया गया था।
भारत ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि यह महज पांच परमाणु संपन्न देश चीन, अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन के हित में थी। इस दिशा में भारत पूर्णतया परमाणु हथियारों के प्रतिबंध पर सहमत था।
शरीफ ने कहा, परमाणु परीक्षण करने के मेरे फैसले के बाद पाकिस्तान को कोई चुनौती नहीं दे सकता है...
उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने अपने नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन से पहले अपने परमाणु परीक्षण स्थल को तोड़ना शुरू कर दिया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( डीआरडीओ ) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि हवा की प्रतिकूल दिशा के कारण 11 मई 1998 को किए गए पोकरण परमाणु परीक्षण में छह घंटे से ज्यादा की देरी हुई थी।
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