यूरोपीय देशों ने ईरान से मंगलवार को अपील की कि वह यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने के अपने कदम से पीछे हटे।
परमाणु समझौते के अनुसार, ईरान 3.67 प्रतिशत यूरेनियम का संवर्धन कर सकता है जो परमाणु बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त है। लेकिन हथियार बनाने के लिए संवर्धन 90 प्रतिशत होना चाहिए। साथ ही समझौते में कहा गया था कि ईरान 300 किलोग्राम से ज्यादा यूरेनियम का भंडारण नहीं करेगा।
दुनिया में पिछले साल परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आई है लेकिन देश अब अपने हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने गुरुवार को कहा कि उनका देश साल 2015 में विश्व के कुछ प्रमुख देशों के साथ हुए परमाणु समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है।
अमेरिका द्वारा शुक्रवार को घोषित किए गए इस कदम ने अमेरिका की संभावित नई मिसाइलों की तैनाती को लेकर उसके सहयोगी देशों से संवेदनशील वार्ता का रास्ता तैयार कर दिया है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने मई में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा की थी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सोमवार पांच नवंबर को ईरान परमाणु समझौते में अमेरिकी भागीदारी समाप्त हो जाएगी।
जरीफ ने कहा कि यूरोप की सरकारों ने नवंबर में अमेरिकी प्रतिबंधों के दूसरे चरण के बाद ईरान के साथ तेल और बैंकिंग संबंध कायम करने के प्रस्ताव रखे थे।
इस साल मई में ट्रंप ने ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी। ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू होने के बाद भारत जैसे देशों पर खासा प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि व्हाइट हाउस का कहना है कि अपने ईरानी समकक्ष से मिलने की ट्रंप की इच्छा का ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा करने की उनके प्रशासन की नीति पर कोई असर नहीं होगा।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि यदि परमाणु समझौते के तहत उनके हितों को सुरक्षित नहीं रखा गया तो वह इस समझौते से बाहर निकल सकते हैं...
संयुक्त अरब अमीरत (यूएई) द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बीच ईरान ने क्षेत्र से तेल की आपूर्ति को लेकर नई चेतावनी जारी की है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अगर हमारे कच्चे तेल के निर्यात पर रोक लगाई जाती है तो इसका असर पूरे पश्चिमी एशिया की आपूर्ति पर पड़ेगा।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोमवार को कहा कि 2015 के ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद यूरोप के साथ संबंध महत्व रखता है।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने मंगलवार को कहा कि 2015 परमाणु समझौते को बनाए रखने के मुद्दे पर ईयू के विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघेरिनी के साथ मंगलवार को हुई उनकी बातचीत 'अच्छी और सकारात्मक' रही।
बीते बुधवार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु हथियार समझौता खत्म करने के बाद ईरान की संसद में खूब हंगामा किया गया। संसद में ट्रंप के फैसले के विरोध में अमेरिकी झंडे को जलाया गया।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के बिना भी तेहरान अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ परमाणु सौदे में बना रहेगा। रूहानी ने प्रेस टीवी पर अपने भाषण के सीधे प्रसारण में कहा, "इस वक्त परमाणु सौदा ईरान और पांच देशों के बीच है।"
ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से बाहर निकलने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से संयक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस बेहद चिंतित हैं।
ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद ब्रिटेन , फ्रांस , जर्मनी , यूरोपीय संघ और कनाडा सहित उसके कई शीर्ष सहयोगियों ने खेद व्यक्त करते हुए चिंता जाहिर की है।
ट्रंप ने यह फैसला कर प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों तथा अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज किया। अपने चुनाव प्रचार के समय से ही ट्रंप ने ओबामा के समय के ईरान परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की है। उन्होंने समझौते को खराब बताया था।
ईरान परमाणु समझौते पर डोनाल्ड ट्रंप आज निर्मय लेंगे। इससे पहले ट्रंप कई बार इस समझौते से अलग होने की बात कर चुके हैं। गौकतलब है कि ब्रिटेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान से परमाणु समझौता नहीं तोड़ने की अपील की थी।
ब्रिटेन के विदेश सचिव बॉरिस जॉनसन आज से दो दिवसीय अमेरिकी दौरे की शुरुआत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान ईरान परमाणु समझौता , सीरिया और उत्तर कोरिया के मुद्दे एजेंडे मे शीर्ष पर होंगे।
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