यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता करके चीन से लेकर अमेरिका तक को चकरा दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया। इससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
कोरोना महामारी के बाद रूस और यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को खाद्य और ऊर्जा के गहरे संकट में डुबो दिया है। इससे पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। दुनिया के तमाम देश इस समस्या का समाधान खोज पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। विश्व पर मंडराये इस भारी संकट से अमेरिका भी परेशान है। ऐसे वक्त में भारत दुनिया की उम्मीद बन गया है।
US Foreign Policy: विदेश नीति में सबसे माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले अमेरिका ने इतिहास की सबसे बड़ी भूल कर दी है। अमेरिका का एक फैसला उसकी अब तक की विदेश नीति की सबसे बड़ी भूल बन चुका है। यह दावा हम नहीं कर रहे, बल्कि एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने किया है।
Iran-America Nuclear Deal: ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने अमेरिका पर परमाणु समझौते को लेकर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उनके देश को अमेरिका से एक संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि परमाणु समझौते पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लें।
Iran Nuclear Deal: ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने ऐसे वक्त पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है, जब परमाणु समझौते को लेकर बातचीत निर्णायक चरण में पहुंच गई है। रायसी ने कहा, 'हमारी एक ही इच्छा है कि प्रतिबद्धाताओं का पालन किया जाए।'
North Korea Nuclear Weapons: किम ने गुरुवार को उत्तर कोरिया की संसद में ये बात कही थी। संसद में सदस्यों ने परमाणु हथियार का उपयोग करने से जुड़ा प्रस्ताव भी पारित किया था। इस प्रस्ताव को किम ने परमाणु हथियारों के संबंध में देश की स्थिति को पुख्ता करने वाला कदम बताया।
Iran Israel Mossad Operations: कोहेन ने जोर देकर कहा, ‘बहुत विस्तार में गए बिना, मैं कह सकता हूं कि मोसाद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ कई सफल लड़ाई लड़ीं।’ उन्होंने दावा किया, ‘हमने पुरी दुनिया और ईरानी सरजमीं भी पर कार्रवाई की, यहां तक कि अयातुल्लाह के बेहद करीब भी।’
Iran Nuclear Deal: राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के नेतृत्व में ईरान ने समझौते तक पहुंचने में देरी के लिए बार-बार अमेरिका को दोषी ठहराने की कोशिश की है। ऐसा कहा जा रहा था कि ईरान को सोमवार तक इस पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था।
Iran Nuclear Deal: ईरान ने भी मांग की कि अमेरिका गारंटी दे कि वह समझौते से फिर बाहर नहीं जाएगा और उसके अर्धसैनिक बल रिवल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेगा।
ईरान ने भी मांग की कि अमेरिका गारंटी दे कि वह समझौते से फिर बाहर नहीं जाएगा और उसके अर्धसैनिक बल रिवल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेगा।
Nuclear Deal: ईरान के लिए अमेरिका के स्पेशल प्रतिनिधि रॉबर्ट माली चर्चा से पहले ही सोमवार रात कतर पहुंच गए। हालांकि, दूतावास ने माली की यात्रा के बारे में कोई अन्य जानकारी देने से इनकार कर दिया।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को ईरानी परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधों में कुछ राहत बहाल की। ईरान और विश्व के कुछ शक्तिशाली देशों के बीच हुए 2015 के परमाणु समझौते को बचाने के उद्देश्य से जारी वार्ता के एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के बीच यह राहत प्रदान की गई है।
‘‘यदि हम वार्ता प्रक्रिया में ऐसे चरण पर पहुंचते हैं, जहां ठोस गारंटी के साथ अच्छा समझौता करने के लिए अमेरिकियों से वार्ता करने की आवश्यकता होगी, तो हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे।’’
‘‘यदि हम वार्ता प्रक्रिया में ऐसे चरण पर पहुंचते हैं, जहां अच्छी गारंटी के साथ अच्छा समझौता करने के लिए अमेरिकियों के साथ वार्ता करने की आवश्यकता होगी, तो हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे।’’
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने फ्रांस के अपने समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत के दौरान वैश्विक शक्तियों के साथ हुए तेहरान के परमाणु समझौते को पुनजीर्वित करने के लिए फिलहाल रुकी हुई वार्ताओं में ईरान के अधिकार सुरक्षित रखने में मदद करने का आग्रह किया।
रूस ने मंगलवार को कहा कि वह परमाणु आयुधों की संख्या को मौजूदा सीमा पर ही बरकरार रखने तथा दोनों देशों के बीच पिछले हथियार नियंत्रण समझौते को एक वर्ष के लिये और बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तैयार है।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा है कि यदि यूरोप ‘अर्थपूर्ण’ आर्थिक लाभ मुहैया कराता है तो ईरान फिर से 2015 परमाणु समझौते की ओर वापस जा सकता है।
उत्तर कोरिया के प्रमुख वार्ताकार ने कहा कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता बेनतीजा रही, वहीं वाशिंगटन का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच स्वीडन में ‘‘अच्छी बातचीत’’ हुई है।
ईरान के अधिकारियों ने दावा किया है कि सुरक्षा एजेंसियों ने सीआईए के लिए जासूसी करने के मामले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उनमें से कुछ को मौत की सज़ा दी गई है।
ईरान के नाम पर दो सुपर पावर यानी अमेरिका और रूस आमने-सामने नजर आ रहे हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि अमेरिका और ईरान के बीच विवाद क्या है? नहीं! तो चलिए हम आपको बताते हैं।
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