अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ईरान परमाणु समझौते से खुद को बाहर कर लिया था। हालांकि अब ट्रंप ईरान के साथ परमाणु समझौते को जारी रखना चाहते हैं और उन्होंने इसके लिए ईरान को पत्र लिखकर प्रस्ताव भी भेजा है। आइये जानते हैं इस पूरी घटना का क्या महत्व है।
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को पत्र लिखा है। इस पत्र में ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की तेजी को लेकर चिंता जाहिर की गई है। अमेरिका इससे पहले भी ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का विरोध कर चुका है।
एसीएमई सोलर के सीईओ निखिल ढींगरा ने कहा, “हम अपनी नई क्षमताओं को राजस्व और मार्जिन बढ़ाने वाली हाइब्रिड और एफडीआरई (फर्म और डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी) प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने का इरादा रखते हैं, जो हमारी व्यावसायिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण धुरी है।”
चीनी सेना ने परमाणु, जैविक और रासायनिक सैन्य अभ्यास करके ताइवान से अमेरिका तक सनसनी मचा दी है। चीन की पीएलए सेना ने अपनी ताकत का इजहार किया है।
अमेरिका के पास परमाणु हथियारों का जखीरा है और उसने एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने अपनी न्यूक्लियर ताकत का प्रदर्शन किया है। अमेरिका ने मिनटमैन III मिसाइल का परीक्षण किया है। चलिए आपको इस मिसाइल के बारे में बताते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप में ह्वाइट हाउस में हुई वार्ता के बाद अब भारत में परमाणु रिएक्टरों का जाल बिछाने की तैयारी है। इससे भारत की परमाणु ऊर्जा ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि एक रूसी ड्रोन ने चर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर हमला किया, लेकिन रेडिएशन का स्तर नहीं बढ़ा। रूसी प्रवक्ता पेस्कोव ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सेना ऐसा कुछ नहीं करती।
आम बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश को परमाणु ऊर्जा संपन्न बनाने का पहला कदम आगे रख दिया है। प्रधानमंत्री मोदी कई बार ऐलान कर चुके हैं कि वह देश को परमाणु ऊर्जा का हब बनाना चाहते हैं। इस बजट में परमाणु ऊर्जा के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
होमी जहांगीर भाभा और लाल बहादुर शास्त्री की मौत 15 दिन के अंतराल में हुई थी। पत्रकार ग्रेगरी डगलस ने किताब 'कन्वरसेशन विद द क्रो' में दावा किया गया था कि होमी भाभा और शास्त्री की मौत में सीआईए का हाथ था। हालांकि, इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं।
अमेरिका ने तीन भारतीय परमाणु संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। ये तीन संस्थान भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR) और इंडियन रेयर अर्थ (IRE) हैं।
लंबे समय से जारी राजनयिक तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे को परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी सौंपी है। यहां जानिए कि ये कदम क्यों उठाया गया है।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते में डॉ. मनमोहन सिंह का अहम रोल था। उन्होंने इसके जरिये भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों की एक नई शुरुआत की थी और इसके लिए अपने राजनीतिक भविष्य तक को दांव पर लगा दिया। यह कहना है अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस का।
मॉस्को में मंगलवार को रूसी परमाणु प्रमुख व वरिष्ठ जनरल इगोर किरिलोव की हत्या मामले में खुफिया एजेंसियों ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इसे यूक्रेन की खुफिया सेवा ने भर्ती किया था।
रूस की राजधानी मॉस्को में हुए बम विस्फोट में रूसी परमाणु प्रमुख की हत्या की जिम्मा यूक्रेन ने लिया है। यूक्रेन ने रूसी परमाणु प्रमुख को अपराधी बताते हुए उनकी हत्या को जायज ठहराया है।
ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ईरान ने उन्नत सेंट्रीफ्यूज का निर्माण तो शुरू कर ही दिया है साथ ही वह यूरेनियम के भंडार को भी तेजी से बढ़ा रहा है।
रूस अपने हितों के लिए कुछ भी करेगा। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर एक बार फिर परमाणु हमले से परहेज नहीं करने का संकेत दिया है। अमेरिका के साथ युद्ध की आशंका पर भी उन्होंने जवाब दिया है।
ब्रिटेन के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने दुनिया में 'तीसरे परमाणु युग' की चेतावनी देकर सबको दहशत में डाल दिया है। सैन्य कमांडर ने अपने वार्षिक व्याख्यान के दौरान यह दावा किया है।
भारत का परमाणु मिसाइल कार्यक्रम देश की सुरक्षा और सामरिक क्षमता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की मिसाइलें विकसित की गई हैं, जिनमें सतह से सतह, सतह से हवा और पनडुब्बी से प्रक्षेपित की जाने वाली मिसाइलें शामिल हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल शैतान-2 की यूक्रेन पर तैनाती का आदेश देकर पूरे विश्व में खलबली मचा दी है। यह मिसाइल 35 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है और अपने साथ दर्जनों परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसे विश्व की तबाही भी कहा जाता है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल अब 2 महीने से भी कम का रह गया है, लेकिन उनके द्वारा उठाया जा रहा हर कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को और अधिक भड़काता जा रहा है। पहले यूक्रेन को रूस पर विदेशी हथियारों से हमले की इजाजत देना और अब परमाणु हमले से जेलेंस्की को बेखौफ करना उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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