भारत का परमाणु मिसाइल कार्यक्रम देश की सुरक्षा और सामरिक क्षमता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की मिसाइलें विकसित की गई हैं, जिनमें सतह से सतह, सतह से हवा और पनडुब्बी से प्रक्षेपित की जाने वाली मिसाइलें शामिल हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल शैतान-2 की यूक्रेन पर तैनाती का आदेश देकर पूरे विश्व में खलबली मचा दी है। यह मिसाइल 35 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है और अपने साथ दर्जनों परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसे विश्व की तबाही भी कहा जाता है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल अब 2 महीने से भी कम का रह गया है, लेकिन उनके द्वारा उठाया जा रहा हर कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को और अधिक भड़काता जा रहा है। पहले यूक्रेन को रूस पर विदेशी हथियारों से हमले की इजाजत देना और अब परमाणु हमले से जेलेंस्की को बेखौफ करना उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
इजरायल और अमेरिका का कट्टर दुश्मन ईरान अब परमाणु हथियार बनाने के और भी करीब पहुंच गया है। वह भी ऐसी स्थिति में जब इजरायली सेना ने हाल ही में ईरान के गुप्त ठिकानों पर हमला किया था।
रूस यूक्रेन के युद्ध को 1000 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन अब यह युद्ध नया मोड़ ले सकता है। जंग के बीच जहां पुतिन ने गैर-परमाणु देशों पर परमाणु हमले की अनुमति देने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं तो वहीं यूक्रन अमेरिका की राह देख रहा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस ने इस बदलाव में कन्वेंशनल मिसाइल के हमले के साथ-साथ ड्रोन या दूसरे एयरक्राफ्ट के अटैक को भी शामिल किया है। तो चलिए ऐसे में जानते हैं कि रूस की परमाणु ताकत कितनी है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक ऐसे फैसले को मंजूरी दे दी है जिससे दुनिया में परमाणु जंग का खतरा बढ़ गया है। पुतिन ने मंगलवार को एक नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं।
तेहरान पर अक्टूबर महीने में किए गए इजरायली सेना का पलटवार में ईरान को भारी नुकसान पहुंचा था। इस दौरान ईरान का गुप्त परमाणु ठिकाना भी नष्ट हो गया था। सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ है।
ब्रिटेन की परमाणु पनडुब्बी शिपयार्ड में भीषण आग लग जाने से समुद्र में हलचल मच गई है। आग की भयावहता से न्यूक्लियर रिस्क का सबसे बड़ा खतरा सता रहा है।
यूक्रेन के साथ जंग के बीच रूस का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से आदेश मिलने के बाद रूस अपने परमाणु हथियारों को परख रहा है।
ईरान भले ही दावा कर रहा है कि उसे इजरायल के हमले से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें ईरान को हुई क्षति की गवाही दे रही हैं। इजरायली हमले में "ईरान का गुप्त परमाणु सैन्य ठिकाना भी ध्वस्त" हो गया है।
आईएनएस अरिदमन अपग्रेड है और यह K-4 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जा सकते हैं। ये 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल से भी लैस होगा।
भारत अपनी नौसेना को अधिक से अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठा बढ़ा रहा है। इसी क्रम में दो स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियां भारत में बनने जा रही है। इन पनडुब्बियों के नौसेना में शामिल होने से इंडियन ओशन रीजन में भारत की ताकत में इजाफा होगा।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने एक बार फिर अपने दुश्मनों के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की बात कही है। किम का यह बयान अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ आया है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने दक्षिण कोरिया पर परमाणु हमले की धमकी देते कहा कि अगर उन्हें उकसाया गया तो वह न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करने से जरा नहीं हिचकेंगे। किम ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो दक्षिण कोरिया का अस्तित्व ही मिटा दिया जाएगा।
इजरायल पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में अगर नेतन्याहू की सेना तेहरान के न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाती है तो अमेरिका साथ नहीं देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह इस मामले में इजरायल का समर्थन नहीं करेगा।
इजरायल ने 2 महीने पहले हमास चीफ इस्माइल हानिया और अब बीते शनिवार को हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह को मौत के घाट उतारकर मध्यपूर्व में हड़कंप मचा दिया है। इजरायल की यह बहादुरी दूसरे देशों में भी जोश भर रही है। इजरायल का जुनून देख दक्षिण कोरिया ने पहली बार उत्तर कोरिया को उसका शासन नष्ट करने की धमकी दे डाली है।
बड़े-बड़े दावे करने वाला चीन अपनी परमाणु पनडुब्बी तक नहीं बचा गया। 1 साल पहले डूबी परमाणु पनडुब्बी की जानकारी भी वह शर्म के मारे सार्वजनिक नहीं कर सका। मगर अमेरिका ने उसकी सैन्य क्षमताओं की पोल खोल दी है।
‘‘हमने वादा किया है कि हम परमाणु हथियार रहित देशों या परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्रों के विरुद्ध परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे या इस्तेमाल करने की धमकी नहीं देंगे। हम अपनी परमाणु क्षमताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक स्तर पर बनाए रखेंगे।’’
रूस ने न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन या परमाणु नीति को बदल दिया है। यह बदलाव उस समय हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूस उन गिने-चुने देशों में शामिल है जिसके पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का भंडार है।
संपादक की पसंद