ईरान द्वारा इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा है, जिससे निवेशकों की सोच प्रभावित हुई है।
इन घटनाक्रमों के बीच ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.26 प्रतिशत टूटकर 68.73 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
पूंजी बाजार में उतरने की एनएसई की योजना को अप्रैल 2019 में पूंजी बाजार नियामक ने छह माह के लिए रोक दिया था।
50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 233.60 अंक गिरकर 11,993.05 अंक पर बंद हुआ।
एनएसई में हिस्सेदारी बेचने के अलावा बैंक पूंजी जुटाने के लिए अपनी अनुषंगी यूटीआई म्यूचुअल फंड और एसबीआई कार्ड्स को सूचीबद्ध कराने पर भी विचार कर रहा है।
एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांग कांग का हैंग सेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी गिरावट में बंद हुआ।
विदेशी बाजारों से उत्साहवर्धक संकेत नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में कारोबारी रुझान मंद रहा।
इस बीच रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दिन में 11 पैसे की गिरावट में चल रहा था।
व्यापार घाटा कम होने से कैड भी घटा है। इन खबरों से बाजार की धारणा को बल मिला।
विश्लेषकों ने कहा कि किसी बड़े आर्थिक कारक के अभाव में और शेयर विशेष में बिकवाली से बाजार में गिरावट आई।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 111.13 अंकों की तेजी के साथ 41,686.27 के स्तर पर खुला।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 411.38 अंक या एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 41,575.14 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों से शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई।
चीन का शंघाई, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए।
कारोबारियों की नजर गुरुवार को समाप्त हो रहे वायदा एवं विकल्प खंड सौदों के समाप्त होने पर भी है।
वैश्विक स्तर पर शंघाई (चीन) और तोक्यो (जापान) नुकसान में, जबकि हांगकांग (चीन) तथा सोल में तेजी रही।
कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव द्वारा अभियोग शुरू करने की खबरों से शेयर बाजारों ने कारोबार की सतर्क शुरुआत की।
विदेशी निवेशकों की खरीदारी जारी रहने से गुरुवार को दोपहर तक शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गये।
एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंग सेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान के निक्की मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए।
इसके दादर और नगर हवेली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राजस्थान में विनिर्माण संयंत्र हैं।
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