एनआरसी मसौदे के आने के बाद हो रही उथल-पुथल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोमवार को प्रकाशित सूची के आधार पर किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक-प्रतिरोधक कार्रवाई नहीं की जा सकती।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को लेकर विपक्षी दल बीजेपी की गलत छवि देश के सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनआरसी में 40 लाख नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया।
एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में इसके अलावा दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के भतीजे का नाम भी गायब है जिसका नाम जियाउद्दीन है।
मायावती ने कहा कि इस घटनाक्रम से प्रभावित लोगों में शामिल धार्मिक अल्पसंख्यकों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं, जबकि भाषाई अल्पसंख्यकों में बंगला बोलने वाले गै़र-मुस्लिम बंगाली हैं।
रिजीजू ने ट्वीट कर कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) कांग्रेस की देन है और इसका कार्यान्वयन भाजपा सरकार में सुस्त रहा है, जिसका मतलब है कि इसे और सख्ती के साथ क्रियान्वित किया जाना चाहिए।"
इन 4 तरीकों पर अमल कर के कोई भी आसानी से यह जानकारी जुटा सकता है कि एनआरसी में उसका नाम शामिल है या नहीं।
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तमाम विरोदी दल ने सुर में सुर मिलाकर इस मामले में सरकार को घेरना शुरू किया तो आखिरकार सरकार को संसद में बयान देना पड़ा।
Assam NRC issue: 40 साल रहने वाले 'विदेशी' तुम कब भारत छोड़ोगे?
कुरुक्षेत्र: 40 लाख बांग्लादेशी का हिंदुस्तान में क्या काम?
असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का अंतिम मसौदा आज जारी कर दिया गया। असम देश में एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है।
असम में सोमवार को जारी हुए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट पर सियासी घमासान शुरू हो गया है।
एनआरसी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आखिरी लिस्ट जारी की, असम में करीब चालीस लाख निवासी अवैध पाए गए
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