असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अद्यतन सूची पर भरोसा नहीं करती हैं। पार्टी ने केन्द्र और राज्य सरकारों से राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार किये जाने का अनुरोध किया।
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि एनआरसी की मौजूदा स्थिति से राज्य का हर वर्ग नाराज है और देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
असम में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद (अगप) ने एनआरसी की अंतिम सूची पर असंतोष जताते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में इसकी समीक्षा की गुंजाइश है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है।
नेशनल सिटिज़न रजिस्टर (एनआरसी) की आखिरी लिस्ट जारी हो गई है। इसमें अपना नाम कैसे चेक करें? ये जानने के लिए नीचे खबर पढ़िए।
असम एकमात्र राज्य है जहां 1951 के बाद सूची में संशोधन किया जा रहा है। आइए, जानते हैं एनआरसी की इस लिस्ट से जुड़ी खबरों एवं अपडेट्स के बारे में:
मसौदा एनआरसी में जिन लोगों का नाम शामिल नहीं था लेकिन शनिवार को प्रकाशित होने वाली अंतिम एनआरसी सूची में उन्हें जगह मिल गयी है तो उनके आधार कार्ड जारी किये जाएंगे।
नबारूण गुहा अपनी कुर्सी पर बेचैनी की हालत में बैठे हुए हैं। गुहा पत्रकार हैं और जब उन्हें पता चला कि उनका नाम अंतरिम और अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हुआ है उसके बाद से वह दो बार एनआरसी सेवा केंद्र (एनएसके) का दौरा कर चुके हैं।
असम के पुलिस प्रमुख ने कहा है कि पुलिस, सामुदायिक पुलिस प्रणाली का नवोन्मेषी मॉडल अपनाकर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अद्यतन प्रक्रिया के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती से प्रभावी तरीके से निपट पायी है।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम सूची में जो जरूरतमंद लोग शामिल नहीं हो पाएंगे, उन्हें सरकार मुफ्त में कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए जरूरी प्रबंध करेगी।
असम में विवादित राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लेकर अब सांप्रदायिक विभाजन का भी खुलासा हुआ है। पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने वाले सूत्रों ने रविवार को बताया कि एनआरसी में नाम दर्ज करवाने के लिए मुसलमानों से अधिक हिंदुओं ने फर्जी दस्तावेज जमा कराए हैं।
असम में इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) पुनर्सत्यापन की सूचना मिलने के बाद से हजारों मुस्लिम इसकी अंतिम समयसीमा खत्म होने से पहले एनआरसी प्रक्रिया को पूरा करने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
Supreme Court extends the final publication of NRC deadline from July 31 to August 31, 2019- सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट जारी करने की समयसीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता दुर्गा खाटीवाडा और असम आंदोलन की पहली महिला शहीद बैजयंती देवी के परिवार के सदस्यों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पूर्ण मसौदे से बाहर रखा गया है। यह जानकारी रविवार को गोरखाओं के एक संगठन ने दी।
एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में काम कर रही है। अंतिम लिस्ट 31 जुलाई को जारी की जाएगी।
उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के समन्वयक से कहा कि एनआरसी के मसौदे में नाम नहीं होने पर जिन लोगों ने अधिकारियों के समक्ष दावे दाखिल किये हैं,उनकी "असुविधा" कम करने के लिए वह कदम उठाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह NRC को अंतिम रूप देने के लिए 31 जुलाई की समय-सीमा नहीं बढ़ाएगी।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को दावा किया कि नागरिकता विधेयक को लेकर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के संसाधनों पर भारतीयों का हक है और यह कोई धर्मशाला नहीं है जहां अवैध प्रवासी आकर बस जाएं।
अखिल असम छात्र संघ (एएएसयू) ने बुधवार को राज्य सरकार से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बांग्लादेशियों के नाम हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मसौदे से बाहर किए गए 40 लाख लोगों में से 35.5 लाख से अधिक लोग एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए अब तक आगे नहीं आये है।
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