देश की दिग्गज आईटी कंपनी Infosys को शेयर बाजार में लिस्ट हुए आज पूरे 25 साल बीत चुके हैं। 25 साल पहले इस कंपनी में अगर किसी ने निवेश किया होगा और अपना निवेश बनाए रखा होगा तो वह लखपती तो जरूर है। Infosys फरवरी 1993 को पहली बार IPO लेकर आई थी और उसके बाद 14 जून 1993 को यह शेयर बाजार पर लिस्ट होने वाली पहली आईटी कंपनी थी
नवनियुक्त चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने यहां अपनी अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, बोर्ड कंपनी में पूर्ण स्थिरता लाने पर केंद्रित है।
पई ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नंदन नीलेकणि को इंफोसिस में वापस लाने का फैसला सह-संस्थापक मिलकर करेंगे।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी Infosys ने सीईओ और एमडी विशाल सिक्का के इस्तीफे के एक दिन बाद ही अपने निवेशकों के लिए बड़ी घोषणा की है।
इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि आईटी कंपनियां छंटनी से बचा सकती हैं यदि उनके वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी में कुछ कटौती की जाए।
इनफोसिस के संस्थापक चयेरमैन एन आर नारायण मूर्ति ने IT सेक्टर में लागत में कटौती के उपाय के तौर पर कर्मचारियों को नौकरी से हटाये जाने पर दुख जताया।
COO यूबी प्रवीण राव की वेतन वृद्धि को अनुचित बताने के लिए पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टीवी मोहनदास पई ने भी सोमवार को नारायणमूर्ति का पक्ष लिया है।
इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि फरवरी में बोर्ड की अनुमति से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) यूबी प्रवीण राव के वेतन में की गई बढ़ोतरी सही नहीं थी।
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