पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए हैं। यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है। बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजकिरण राय जी ने शनिवार को कहा कि इस साल बैंक गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में कमी आने के साथ अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।
शुद्ध ब्याज आय और शुल्क में अच्छी वृद्धि से प्राइवेट सेक्टर बैंक यस बैंक का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 25 प्रतिशत बढ़ गया है।
RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की बैलेंस शीट्स को साफ-सुथरा बनाना केंद्रीय बैंक की पहली प्राथमिकता है।
SBI चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा जो कर्ज NPA हो चुके है उसकी वजह यह रही है कि कर्ज लेने वाले उद्योग अथवा इकाइयां इतनी कमाई नहीं कर पा रहीं हैं।
जेटली ने कहा है कि सरकार बैंकों के फंसे कर्ज के मुद्दे के समाधान को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने कहा NPA बैंकिंग प्रणाली पर बुरा असर डाल रही है।
बैंकिंग सेक्टर में NPA से निपटने के लिए बैड बैंक की जरूरत पर चर्चा के बीच बैंकर दीपक पारेख ने कहा है कि इस मामले में निर्णायक कदम उठाने का समय आ गया है।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादक आस्तियों (NPA) में सितंबर 2016 को समाप्त तिमाही में करीब 80,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया।
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