देश के बैंक कर्ज लेकर भागने और धोखाधड़ी करने वालों के लिए मानो, सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन चुकी है। हाल ही में हुए खुलासे कुछ इसी तरफ इशारा करते हैं। बीते छह साल में नटवरलालों ने बैंकों के साथ 79,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
ओरिएंटल बैंक के इस मामले में CBI ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है और रविवार को दिल्ली, हापुड़ और नोएडा में सिम्भावली शुगर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई है
देश के किसानों का नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) 66,176 करोड़ रुपए है, तो उद्योगों का NPA 5,67,148 करोड़ रुपए है। देश के सकल NPA (GNPA) पर नजर दौड़ाएं, तो एक बात साफ होती है कि यह राशि 7,76,067 करोड़ रुपए है।
वित्त मंत्रालय द्वारा पत्र लिखकर PNB धोखाधड़ी मामले में सफपाई मांगे जाने के बाद RBI ने मंगलवार को वाई एच मालेगम की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है जो बैंकों में बढ़ती धोखाधड़ी की घटनाओं के कारणों की जांच करेगी।
स्टेट बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक ने भी 2016-17 में 9,205 करोड़ रुपये बट्टे खाते डाले हैं। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया ने 7,346 करोड़ रुपये, केनरा बैंक ने 5,545 करोड़ रुपये
एक अध्ययन के मुताबिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) इस साल मार्च अंत तक 9.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की आशंका है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में आठ लाख करोड़ रुपये थी।
RBI का मानना है कि इससे फंसी परिसंपत्तियों (कर्जो) की बिक्री में पारदर्शिता और बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा
आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले गठजोड़ से 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो गैर निष्पादित आस्तियां (NPA) बन गया था।
नतीजे जारी होते ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर इंडसइंड का शेयर दिन के ऊपरी स्तर से करीब 2.5 प्रतिशत घटकर 1705.65 तक लुढ़क गया
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) अपने शेयर प्रीमियम खातों के कोष का इस्तेमाल कर अपने कुल 6,978 करोड़ रुपये के नुकसान को वित्त वर्ष के अंत तक बट्टे खाते (राइट आफ) में डालेगा।
RBI के पहचान किए गए कुल 28 NPA खातों में से बचे दो दर्जन अतिरिक्त खातों का समाधान राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के माध्यम से करने के लिए कहा है
28 बड़े एनपीए खातों की दूसरी लिस्ट में शामिल कंपनियों की निपटान समयसीमा समाप्त होने के बाद अब बैंक इनमें से 24 खातों को दिवाला प्रक्रिया के तहत एनसीएलटी के पास भेजने की तैयारी में हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत तक बढ़कर 7.34 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसका अधिकांश हिस्सा कॉरपोरेट डिफॉल्टरों के कारण बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर तिमाही तक NPA का आकार 10,000 अरब रुपये यानी बैंक के कुल कर्ज का 10% से ऊपर निकल गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ते गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) की वजह से बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) को निगरानी में डालते हुए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की है।
NPA की समस्या के लिए पिछली संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े बकायेदारों की जिम्मेदारी तय की है और विभिन्न उपायों के जरिए बैंकों को मजबूत किया जा रहा है।
PM मोदी ने कहा कि पिछले सरकार में बैठो लोगों ने बैंकों पर दबाव डालकर कुछ विशेष उद्योगपतियों को कर्ज दिलवाने में मदद की
फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) को लेकर हंगामे के बीच वित्त मंत्रालय ने भरोसा जताया है कि फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल यानि एफआरडीआई बिल में जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह पूछा जाना चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2008 से 2014 के बीच किसके कहने पर वे कर्ज दिए जो आज एनपीए बन गए हैं।
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