बैंक समूह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 9.7 प्रतिशत था जो सितंबर 2021 में 16.2 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत से बढ़कर क्रमश: 7.9 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों का ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए बढ़कर क्रमश: 10.1-10.6 प्रतिशत और 3.1-3.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। सितंबर, 2020 तक ग्रॉस एनपीए 7.9 प्रतिशत और नेट एनपीए 2.2 प्रतिशत था। हालांकि मार्च, 2022 तक शुद्ध एनपीए घटकर 2.4-2.6 प्रतिशत रह जाएगा।
सीआईआई ने वित्त मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत अपने एक बजट पूर्व ज्ञापन में कहा है कि देश में एक नहीं अनेक बैड बैंक की जरूरत है। कोविड 19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए सार्वजनिक पाबंदियों को लागू किए जाने के बाद एनपीए की समस्या बढ़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक डूबे कर्ज का अनुमान पिछले अनुमान से कम है, इसके बावजूद वित्तीय क्षेत्र 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष तक इस स्थिति से पूरी तरह उबर नहीं पाएगा। एसएंडपी ने कहा कि तीन से आठ प्रतिशत कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग हो सकती है।
बैंक ने सितंबर तिमाही के दौरान कोविड-19 संबंधी मुश्किलों के लिए अतिरिक्त प्रावधान करने का निर्णय लिया। इसकी वजह से बैंक का ऑपरेशनल लाभ सर्वकालिक ऊंचाई पर होने के बावजूद शुद्ध मुनाफा 26 प्रतिशत घटा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह ही बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कोविड-19 के कारण संकटग्रस्त खातों के कर्ज का एक बार के लिए पुनर्गठन करने की योजना जल्द शुरू करने के कहा था
आरबीआई ने चेताया है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से बैड लोन यानी एनपीए 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। आरबीआई के अनुसार बैड लोन मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत से मार्च 2021 तक 12.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
डी सुब्बाराव ने कहा है कि मानसून अनुकूल रहने की संभावना के बीच सरकार को कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन का लाभ उठाकर वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
दास ने कहा कि आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है और वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।
कोविड 19 मामले बढ़ने से छोटी अवधि में तेज रिकवरी की उम्मीद नहीं
आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक ने 429.75 करोड़ रुपए का परिचालन मुनाफा हासिल किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में बैंक ने 404.13 करोड़ रुपए का परिचालन मुनाफा कमाया था।
एनपीए बढ़ने से बैंकों को 1.14 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल की जरूरत होगी
संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक का मानना है कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 में भी उसकी गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या कायम रहेगी।
संकटग्रस्त यस बैंक ने दिसंबर, 2019 में समाप्त हुई तिमाही में उसे 18,564 करोड़ रुपये का घाटा होने की शनिवार को जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार के वित्तीय संस्थानों में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में कमी लाने के प्रयास के कारण ऋण शोधन एवं दिवाला कार्यवाही के जरिये 4 लाख करेाड़ रुपये की वसूली हुई है जो बड़ी उपलब्धि है।
वित्तीय स्थिरिता रिपोर्ट, दिसंबर 2019 में बताया है कि धोखाधड़ी के लिए व्यवस्थित और व्यापक जांच ने पिछले कई वर्षों से चली आ रही धोखाधड़ी को पकड़ने में मदद की है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध लाभ वर्ष 2019 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि से 41 प्रतिशत बढ़कर 6,797.25 करोड़ रुपए हो गया।
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में दोगुना से अधिक होकर 4,146.46 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत बढ़कर 1,757 करोड़ रुपए रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में बैंक को 1,680.85 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2019 को समाप्त तीसरी तिमाही में 389.44 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही से 47.4 प्रतिशत अधिक है।
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