ऊंचे डूबे कर्ज और कंपनियों की कमजोर मांग से बीते वित्त वर्ष 2016-17 में ऋण की वृद्धि दर (क्रेडिट ग्रोथ) छह दशक के निचले स्तर 5.08 प्रतिशत पर आ गई।
LIC अपने कर्ज कारोबार को मजबूत बनाने और उसमें गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) को कम से कम रखने को सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्त बैंकरों की सेवाएं लेगी।
दिग्गज बैंकर और नवविकास बैंक के अध्यक्ष के वी कामत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोगी बैंकों के मूल बैंक में विलय को एक अच्छा पहला कदम बताया है।
बैंकों के डूबे कर्ज से निपटने के लिए सरकार जल्द गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के तेजी से निपटान के लिए उपायों के सेट की घोषणा कर सकती है।
एक संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय से IDBI बैंक के लिए पुनरोद्धार योजना बनाने को कहा है। बैंक पर डूबे कर्ज का बोझ इस कदर बढ़ गया है।
बढ़ती एनपीए पर चिंता जताते हुए बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के प्रमुख विनोद राय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली शुक्रवार को RBI अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें बैंकिंग सेक्टर के NPA समस्या पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
NPA के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक लोन नहीं चुकाने वाले का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि बैंकों के फंसे कर्ज के ऊंचा होने की समस्या पुराने कारणों से है। इनमें से ज्यादा तर पैसा ऐसी परियोजनाओं में फंसा है
RBI का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र के एसेट्स की गुणवत्ता भारी दबाव में है और बैंकों का GNPA सितंबर में बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गया जो कि मार्च में 7.8 प्रतिशत था
सार्वजनिक क्षेत्र के 22 में से 16 बैंकों ने 2015-16 में लाभांश नहीं दिया। इससे सरकार को प्राप्तियां दो तिहाई घटकर 1,444.6 करोड़ रुपए के रह गईं।
PNB का शुद्ध लाभ 11.5 प्रतिशत घटकर 549.36 करोड़ रुपए रह गया। पिछले साल इसी अवधि में बैंक ने 621.03 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था।
सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या का समाधान पर एसोचैम ने कहा है कि इसका समाधान विलय नहीं बल्कि बैंक मैमेजमेंट को अधिक स्वतंत्रता देने से होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने स्वीकार किया कि बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) की साफसफाई काम केंद्रीय बैंक को काफी पहले शुरू करना चाहिए था।
बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज यानि कि NPA में जहां जोरदार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इस तरह की एसेस्ट को बेचने में भी मुश्किल पेश आ रही है।
एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि जेपी एसोसिएट्स को दिया गया कर्ज NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) वर्गीकृत किया गया है।
भारतीय बैंकों ने पहले ही अपने बैड (तनावग्रस्त) लोन को नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) श्रेणी में डाल दिया है या उन्हें वॉच लिस्ट में रख लिया है।
गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बढ़े बोझ और ऋण धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के चलते बैंक निजी जासूसों की सेवा ले रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों का पूंजी-आधार और मजबूत करने के लिए उन्हें और धन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जताई है।
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