भारत में बैड लोन का बोझ महाकाय है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एक एनालिस्ट के मुताबिक भारत में एनपीए 13 लाख करोड़ रुपए है।
आर्थिक सुस्ती को बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) के लिए जिम्मेदार बताते हुए वित्त मंत्रालय ने बैंकों का सकल एनपीए 6.9 फीसदी हो सकता है।
फंसे कर्ज की स्थिति खराब होने के बीच पांच सार्वजनिक बैंकों ने मार्च 2016 को समाप्त तिमाही में कुल मिलाकर 6751 करोड़ रुपए के घाटे की सूचना दी।
एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से तुलना में भारत के सरकारी बैंकों की बैड लोन (एनपीए) की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बढ़ते डूबे कर्ज (एनपीए) की वास्तविक वजह बताने को कहा है।
सरकार यूको बैंक और सिंडीकेट बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों में इस सप्ताह 5,050 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी डालेगी। इससे बैंको मदद मिलेगी।
NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) में बढ़ोत्तरी होने से चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए बैंकों के एडवांस टैक्स भुगतान में कमी आई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही एक एक्सपर्ट ग्रुप का गठन करेगी।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लगभग 900 कंपनियों की एक लिस्ट जारी की है जिसे उसने विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली) श्रेणी में रखा है।
केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बढ़ते एनपीए (बैड लोन) से निपटने के लिए अलग बैंक या कंपनी स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को उन कंपनियों की लिस्ट सौपने का निर्देश दिया है, जिन पर 500 करोड़ रुपए से अधिक बैंक का कर्ज बकाया है और वे उसे नहीं चुका रही हैं।
बढ़ती एनपीए से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सरकारी बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बैंकों की बैलेंस शीट साफसुथरा करना जरूरी है ऐसा होने पर ही आगे अधिक कर्ज सहायता देने में समर्थ होंगे।
बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) से चिंतित सरकार एक उच्चस्तरीय समिति के गठन पर विचार कर रही है, जो प्रभावी तरीके से इस मुद्दे से निपट सकेगी।
वित्त मंत्रालय ने पांच ऐसे सरकारी बैंकों की पहचान की है, जिन्हें अपने नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) को कम करने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
अरुण जेटली ने सोमवार को कहा है कि विलफुल डिफॉल्टर्स से निपटने के लिए बैंकों के पास पूरा अधिकार और स्वायत्तता है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 25 फीसदी बढ़कर 3,879 करोड़ रुपए रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश के तमाम सरकारी बैंकों का करीब 59,000 करोड़ रुपए डिफॉल्टर्स के पास फंसा है।
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