बैंकिंग सेक्टर में NPA से निपटने के लिए बैड बैंक की जरूरत पर चर्चा के बीच बैंकर दीपक पारेख ने कहा है कि इस मामले में निर्णायक कदम उठाने का समय आ गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली शुक्रवार को RBI अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें बैंकिंग सेक्टर के NPA समस्या पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
NPA के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक लोन नहीं चुकाने वाले का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि बैंकों के फंसे कर्ज के ऊंचा होने की समस्या पुराने कारणों से है। इनमें से ज्यादा तर पैसा ऐसी परियोजनाओं में फंसा है
RBI का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र के एसेट्स की गुणवत्ता भारी दबाव में है और बैंकों का GNPA सितंबर में बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गया जो कि मार्च में 7.8 प्रतिशत था
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादक आस्तियों (NPA) में सितंबर 2016 को समाप्त तिमाही में करीब 80,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के 22 में से 16 बैंकों ने 2015-16 में लाभांश नहीं दिया। इससे सरकार को प्राप्तियां दो तिहाई घटकर 1,444.6 करोड़ रुपए के रह गईं।
PNB का शुद्ध लाभ 11.5 प्रतिशत घटकर 549.36 करोड़ रुपए रह गया। पिछले साल इसी अवधि में बैंक ने 621.03 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया।
सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या का समाधान पर एसोचैम ने कहा है कि इसका समाधान विलय नहीं बल्कि बैंक मैमेजमेंट को अधिक स्वतंत्रता देने से होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने स्वीकार किया कि बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) की साफसफाई काम केंद्रीय बैंक को काफी पहले शुरू करना चाहिए था।
बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज यानि कि NPA में जहां जोरदार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इस तरह की एसेस्ट को बेचने में भी मुश्किल पेश आ रही है।
एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि जेपी एसोसिएट्स को दिया गया कर्ज NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) वर्गीकृत किया गया है।
भारतीय बैंकों ने पहले ही अपने बैड (तनावग्रस्त) लोन को नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) श्रेणी में डाल दिया है या उन्हें वॉच लिस्ट में रख लिया है।
गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बढ़े बोझ और ऋण धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के चलते बैंक निजी जासूसों की सेवा ले रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों का पूंजी-आधार और मजबूत करने के लिए उन्हें और धन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जताई है।
एनपीए से चिंतित बीबीबी एक मध्यस्थ प्रणाली पर काम कर रहा है ताकि इस समस्या का जल्द समाधान ढूंढा जा सके और बैंक प्रबंधन को बकाए के भुगतान में सहूलियत मिले।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर वित्त मंत्रालय जल्दी ही बढ़ते NPA के मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति का गठन करेगा और इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाएगा।
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