जब टाइप टू डायबिटीज मैनेज नहीं होता..तो शुगर लेवल बढ़ता है जो ब्लड वैसेल्स को नैरो और हार्ड कर देता है..जिससे बीपी की परेशानी होती है...हाई बीपी से इफ्लेमेशन..और फिर इंसुलिन रेजिस्टेंस..साथ ही कोलेस्ट्रॉल प्रॉब्लम..नतीजा हार्ट अटैक...अब ऐसे में तो लाइफ स्टाइल बेहतर कीजिए...क्योंकि इन सब मुसीबत से तो
तेज आवाज करने वाली बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक के जरिए पटाखे फोड़ने का चलन तेजी से बढ़ा है। इस बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बुलडोजर से इन साइलेंसर को रौंदा जा रहा है।
सोसाइटी को मिला नोटिस सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे लोगों को घंटी के शोर से समस्या न हो।
ध्वनि प्रदूषण अधिनियम नियम, 2000 के मुताबिक कमर्शिलय और रेजिडेंशियल इलाकों के लिए आवाज की सीमा तय की गई है। इसके मुताबिक इंडस्ट्रियल इलाकों के लिए दिन में 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल आवाज की सीमा होनी चाहिए। कमर्शिलय इलाकों के लिए आवाज की सीमा दिन में 65 डेसिबल और रात में 55 डेसिबल होनी चाहिए। वहीं रेजिडेंशियल इलाकों के लिए दिन में 50 और रात में 40 डेसिबल की सीमा तय की गई है।
अगर आप रात के समय या आधिकारिक अनुमति के बिना लाउडस्पीकर या पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम का प्रयोग करते हैं तो आपको 10,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कहा है कि निर्धारित मानदंडों से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर और दंडनीय अपराध है।
दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को दायर की गई एक जनहित याचिका में दावा किया गया है कि रॉयल एनफील्ड बुलेट की साइलेंसरों में बदलाव करने के बाद इनसे होने वाली बेहद तेज आवाज लोगों, खासकर मरीजों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है।
मंदिरों की आरती, माता का जागरण और घर के पूजा पाठ से क्या ध्वनि प्रदूषण होता है? क्या अजान की आवाज़ लोगों को परेशान करती है?
Woman gets angry on bureaucrat after his vehicle takes noise pollution to next level | 2017-07-30 08:24:40
ICSE स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एक किताब में एक मस्जिद को ध्वनि प्रदूषण के स्रोत के रूप में पेश करने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्से का इजहार किया जिसके बाद प्रकाशक ने माफी मांगी और चित्र को आगे के संस्करणों से हटाने का वादा किया।
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