निजामुद्दीन के मरकज़ को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक इस जमात में दुनिया के 67 देशों के 2041 लोगों ने हिस्सा लिया।
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में रेलवे के पृथक केंद्रों में रखे गए, तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े करीब 160 लोगों ने उनकी जांच कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि उनपर थूका भी।
महाराष्ट्र में बुधवार को आए कोरोना वायरस के 33 नए मामलों में छह दिन का एक शिशु, उसकी 26 वर्षीय मां और एक नर्स भी शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़कर 335 हो गई है।
तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस फैलने की खबरें आ रही हैं, जिससे जमात की गतिविधियां विवादों में है। इस बीच यह पता चला है कि सतर्क रेलवे अधिकारियों ने 21 मार्च को ही तबलीगी जमात के सदस्यों की सक्रियता के बारे में एक इनपुट प्रदान कर दिया था।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित तबलीगी मरकज में भाग लेने वाले सभी 280 विदेशी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे।
पिछले महीने गुजरात के लगभग 1500 लोग राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में थे जहां कोरोना वायरस महामारी के चलते फिलहाल कड़ा लॉकडाउन है।
दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज में एक धार्मिक आयोजन में शामिल लोगों के जमावड़े की घटना को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का बयान सामने आया है।
निजामुद्दीन मरकज मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक एनएसए अजित डोभाल ने 28 तारीख की रात को निजामुद्दीन मरकज जाकर मौलाना साद से मुलाकात की और उन्हें बिल्डिंग खाली करने के लिए तैयार किया।
आरिफ मोहम्मद खान ने इंडिया टीवी से बताया कि तबलीगी जमात के लोग ऐसे भाषण देते हुए देखे गए हैं जिसमें लोगों को अपना उपचार दीनदार डॉक्टर से ही कराने की राय दी जा रही है, लेकिन साथ में यह बोलते हुए भी देखे गए हैं कि अगर डाक्टर मस्जिद में नहीं आने की सलाह
कोरोना वायरस के कारण देश भर में जारी बंद के बीच मंगलवार को काटजू रोड स्थित शेख अब्दुल्ला मस्जिद में 37 लोग मिले हैं। मस्जिद से मिले लोगों में इंडोनेशिया के 7 नागरिक भी शामिल है।
शनिवार 31 मार्च की रात 9 बजे से लेकर 1 अप्रैल को सुबह 9 बजे के बीच राज्य में कोरोना वायरस के 43 नए मामले सामने आए हैं।
पुणे से 130 से अधिक लोग निजामुद्दीन मरकज़ में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे। इसमें से अधिकतर लोग या तो पुणे वापस नहीं लौटे हैं या फिर उनकी पहचान नहीं हो सकी है।
कर्नाटक में कोरोना वायरस के 10 नए मामले आने के साथ ही राज्य में इस घातक विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या 100 के आंकड़ें को पार कर गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक राज्य में कोविड-19 के 101 मामलों की पुष्टि हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पूरे भारत में 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा करने से एक दिन पहले 21 मार्च को तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में 1,746 लोग थे जिनमें 261 विदेशी नागरिक शामिल थे जिसके बाद हजारों लोगों पर कोरोना वायरस का संकट मंडराने लगा है।
राजस्थान के भरतपुर जिले में भी मरकज मस्जिदों की जांच शुरू हो गई है। शुरुआती जांच में ही भरतपुर के पहाड़ी इलाके में स्थित मदरसे में 100 लोग मिले हैं।
दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले की जांच करेगी।
निजामुद्दीन मरकज से लौटे गाज़ियाबाद के मसूरी इलाके के 12 लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने होम क्वारंटीन किया है। ये सभी लोग निजामुद्दीन तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे और सभी अलग-अलग जगहों के रहने वाले है।
भोपाल के ऐशबाग की रहमानी मस्जिद में इन लोगों में से 11 की जमात मिली है। जहांगीराबाद के 2 मस्जिदों में भी लोग मिले हैं, जहांगीराबाद की सिकंदराजहां मस्जिद में 8 लोगों की जमात मिली है।
तब्लीगी जमात आधुनिकता को खारिज करते हुए पैगंबर मोहम्मद के समय की प्रणाली को अपनाने के लिए प्रचार करती है। यही विचारधारा वहाबी-सलाफिस्ट की भी है, जिसका कई इस्लामिक आतंकवादी समूह भी अनुसरण करते हैं। तब्लीगी जमात को इस्लाम को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते धर्मों में से एक बनाने का श्रेय दिया जाता है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल को लिखा है, मुझे पूरी उम्मीद है कि वह जल्द ही आदेश देंगे। अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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