नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
आरजेडी के साथ गठबंधन समाप्त करते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही बीजेपी के साथ नई सरकार के गठन का भी ऐलान कर दिया गया। बिहार की इस नई सरकार में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फार्मूला अपनाया गया है।
बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
नौवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली नीतीश कुमार ने और सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। बिहार में भी अब एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई है।
बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शनिवार शाम को पटना में बैठक हुई। इस बैठक में ताजा हालातों को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ इस बैठक में तय हुआ है कि पहली चाल नीतीश कुमार को ही चलनी पड़ेगी। उसके बाद ही पार्टी अपने पत्ते खोलेगी।
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार अगर एनडीए में आते हैं तो उनका स्वागत है। प्रधानमंत्री मोदी भी उनके प्रति अच्छे भाव रखते हैं, वे पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं।
जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बिहार विधानसभा में चार सदस्य हैं। पार्टी प्रमुख ने राजनीतिक उठापटक के बीच अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
राजनीति बड़ी निष्ठुर होती है। ज़रूरत के हिसाब से बदलने को विवश कर देती है। लेकिन बिहार में जो बदलाव होगा, उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ेगी। सबसे बड़ा कुठाराघात राहुल गांधी के सपनों पर होगा। INDI अलायन्स का अब कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
बीजेपी भी अभी तक सार्वजनिक रूप से वेट एंड वाच वाली स्थिति में है। उनकी तरफ से साफ़ है कि पहले नीतीश कुमार इस्तीफा दें, इसके बाद ही कुछ बात की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं। वहीं इस बीच दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों का दौर जारी है।
बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी की कोर कमिटी का कहना है कि नीतीश कुमार पहले अपना इस्तीफा सौंपें, उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।
बिहार में जारी सियासी जोरआजमाइश के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सारी तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि सब कुछ साफ हो गया है और 31 जनवरी तक बिहार में सरकार बदल जाएगी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पाला बदलने की चर्चाएं हैं। इसी बीच आरजेडी नेता और उपमुख्यमंत्री ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी बड़ा खेला होना बाकी है।
प्रशांत किशोर समेत कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर जेडीयू विपक्षी गठबंधन में रहेगा, तो उसे बिहार में 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी। प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि अगर जेडीयू पांच से ज्यादा सीटें जीतेगी, तो वह देश के सामने माफी मांगेंगे।
तेजस्वी यादव ने इससे पहले कल राजभवन में आयोजित कार्यक्रम से भी दूरी बना ली थी। तेजस्वी यादव गवर्नर के प्रोग्राम में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी कुर्सी पर जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी बैठे थे और अब तेजस्वी यादव बक्सर नहीं जा रहे हैं।
बिहार के सभी दलों के बीच बैठकों का दौर जारी है। जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस की अलग-अलग बैठक होने वाली है। इस बीच बड़ी खबर ये है कि लालू यादव कई बार नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन नीतीश ने लालू का फोन कॉल नहीं उठाया।
बिहार में सियासी हलचल तेज है और आने वाले 24 घंटे में काफी फेरबदल होने वाले हैं। बड़ी खबर ये है कि आज किसी भी वक्त बिहार में महागठबंधन के टूटने का ऐलान हो सकता है। लालू यादव कई बार नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन नीतीश ने उनका फोन कॉल नहीं उठाया।
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपना रुख बदल कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इन संकेतों के चलते सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल नजर आ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि नीतीश एनडीए में नहीं जाएंगे, वे इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे।
बिहार में सियासी पारा पूरे चरम पर है और नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के बीच लालू प्रसाद उनसे संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन दोनों नेताओं की बात नहीं हो पाई है।
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