वित्त मंत्री ने कहा कि प्राइवेटाइजेशन पर कैबिनेट कमिटी ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों को बेचने के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया है।
राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन वापस लिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी दलों को सीतारमण ने घेरा। वित्त मंत्री ने कहा कि पहले चर्चा की मांग करते हैं फिर हंगामा...।
सरकार जानबूझकर बैंकों से लिए गए कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ सख्ती से मामले को आगे बढ़ा रही है। चाहे वे चूककर्ता भारत में हों या फिर देश से बाहर, उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया जा रहा है।
राज्यों ने केंद्र से अनुरोध किया था कि एक महीने का अग्रिम भुगतान मिलने से उन्हें पूंजीगत व्यय में सहायता मिलेगी।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘बैठक में चर्चा का विषय निवेश को बढ़ाने के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना होगा। इसके अलावा बैठक में वृद्धि को प्रोत्साहन, सुधार, निवेश प्रोत्साहन और सुधार आधारित कारोबारी वातावरण के निर्माण के उपायों पर चर्चा होगी।’’
इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में नरमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
लगभग एक लाख लाभार्थियों को 6,268 करोड़ रुपये के व्यावसायिक ऋण मंजूर किए गए, जबकि 5,058 लोगों को 448 करोड़ रुपये के वाहन ऋण की मंजूरी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि 20 अक्टूबर, 2021 तक 3,401 लोगों को 762 करोड़ रुपये के आवास ऋण मंजूर किए गए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने अधिकारियों से परियोजनाओं के क्रियान्वयन के साथ कोष जारी होने पर भी नजर रखने को कहा।सीतारमण ने कहा कि सरकार के लिये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्राथमिकता है।
सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय जारी महामारी का अर्थव्यवस्थाओं और समाज के संचालन के तरीके पर एक स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
दोनों पक्ष वित्तीय अपराधों से निपटने के महत्व पर और हमारी वित्तीय प्रणालियों को दुरुपयोग से बचाने के लिए ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ मानकों के प्रभावी कार्यान्वयन पर सहमत हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका की शीर्ष कंपनियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि भारत में निवेशकों और कंपनियों के लिए काफी अवसर हैं।
सीतारमण ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी को बैड बैंक नहीं कहा जाना चाहिए, जैसा अमेरिका में कहा जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत को कम से कम चार एसबीआई के आकार के बैंकों की जरूरत है हमें बदलती और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकिंग को बढ़ावा देने की जरूरत है।
सकल कंपनी कर संग्रह 3.58 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। चालू वित्त वर्ष में अब तक 75,111 करोड़ रुपये करदाताओं को रिफंड किया गया।
अगले साल के बजट में मांग को बढ़ाना, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सतत 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के रास्ते पर बनाए रखने जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।’’
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो यह दोनों दवाएं बेहद जरूरी दवाएं है जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए परिषद ने इन 2 के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।
देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई थी। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था।
निम्नलिखित प्रश्नों के जरिये आप फंसे क़र्ज़ की परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों के संबंध में केंद्र सरकार की गारंटी के विभिन्न पहलुओं को आसानी से समझ सकते हैं।
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