निर्भया कांड से जुड़ी एक पुनर्विचार याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट निर्णय सुनाएगा। निर्भया के दोषी अक्षय ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी
पूरे देश को झकझोर देने वाले ‘निर्भया’ बलात्कार एवं हत्याकांड के सात साल पूरे होने पर दोषियों को फांसी के फंदे पर जल्द से जल्द लटकाए जाने की मांग जहां जोर पकड़ रही है, वहीं एक दोषी की मां पीड़िता के साथ हुई भयावहता एवं निर्ममता पर तो बात नहीं करना चाहतीं, लेकिन अपने बेटे की सजा माफ होने की आस लगाए बैठी हैं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल को LNJP अस्पताल ले जाया गया है। पिछले 13 दिनों से स्वाति राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठी हुई थीं।
निर्भया के सभी दोषी फांसी के फंदे के बेहद करीब है 17 दिसंबर को दोषी अक्षय की सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन की सुनवाई और 18 दिसंबर को पटियाला कोर्ट में सुनवाई के बाद इन दरिंदो का ब्लैक वारन्ट यानि डेथ वारन्ट कभी भी जारी हो सकता है जिसके बाद इन्हें फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा।
फांसी की खबरों के बीच निर्भया गैंगरेप और हत्या के चारों दोषी डिप्रेशन में चल रहे हैं और इन लोगों ने खाना-पीना कम कर दिया है। जेल के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
‘निर्भया’ मामले के दोषियों को फांसी देने की तैयारी संबंधी मीडिया रिपोर्टो की पृष्ठभूमि में अपराधियों को फांसी देने का काम करने वाले पवन जल्लाद का कहना है कि दुर्दांत अपराधी को मौत के फंदे पर लटकाते समय उनके दिल में कोई रहम नहीं होता है।
निर्भया के माता पिता इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। बेशक इंसाफ की उस डेट को कानूनी दांव पेंचों से लटकाया, भटकाया जा रहा है। लेकिन ये भी क्लियर है कि गुनहगारों के पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे।
निर्भया के दोषियों को फिलहाल 17 दिसंबर तक फांसी नहीं होगी। शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में 17 दिसंबर तक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई स्थगित की है। निर्भया के कातिल कानूनी पेंचिदगियों का फायदा उठाने में जुटे हैं।
निर्भया मामले के एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट में दोपहर 2 सुनवाई होगी। इस बीच खबर ये भी है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने यूपी डीजीपी जेल से फांसी देने के लिए जल्लादों की मांग की है।
दरअसल यूपी डीजी जेल को सुप्रीटेंडेंड तिहाड़ जेल का पत्र प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी जेल में ऐसे कैदी हैं जो कैपिटल पनिशमेंट से सजायाफ्ता है और उनकी अपीलें निस्तारित हो गई हैं।
निर्भया रेप-हत्या कांड मामले में अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दिए जाने से आहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है।
बिहार की बक्सर जेल को इस सप्ताह के अंत तक फांसी के दस फंदे तैयार रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि ये दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया मामले के दोषियों के लिए हो सकते हैं।
बिहार की बक्सर जेल को इस सप्ताह के अंत तक फांसी के दस फंदे तैयार रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि ये दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया मामले के दोषियों के लिए हो सकते हैं।
फांसी की प्रकिया क्या होती है, फांसी तक पहुचने तक दोषी के पास क्या अधिकार होते है, इन अधिकार के खत्म होने के बाद क्या होता है, फांसी देने से पहले जेल प्रसाशन क्या तैयारियां करता है एक-एक डिटेल आज इंडिया टीवी आपको बताने जा रहा है।
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत पर पूरे देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। निर्भया की मां आशा देवी ने मानवाधिकार संगठनों पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि आज उनको मिठाई बांटनी चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि इस मामले में दोषी को राष्ट्रपति से किसी प्रकार की राहत मिलने की उम्मीद कम है लेकिन राष्ट्रपति को दया याचिका पर स्वतंत्र तौर पर और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के निर्णय लेना है।
सात साल पुराने निर्भया मामले में यह तेजी उस वक्त आई जब हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के चार आरोपी शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मारे गए। सूत्रों ने बताया कि निर्भया मामले में दोषी की फाइल राष्ट्रपति के पास विचारार्थ और अंतिम निर्णय के लिए भेजी गई है।
नीरज कुमार ने कहा कि दिसंबर 2012 में जब निर्भया का मामला हुआ था वो ‘मुश्किल समय’ था, क्योंकि पुलिसकर्मियों के साथ ‘बलात्कारियों’ की तरह बर्ताव किया जा रहा था।
देश के सबसे चर्चित निर्भया रेप कांड के कातिलों की दया याचिका गृह मंत्रालय ने खारिज कर दी है।
हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से रेप और उसे जला कर मार देने के मामले में चारों आरोपियों की पुलिस के साथ एन्काउंटर में मारे जाने पर दिल्ली में 7 साल पहले 16 दिसंबर को गैंगरेप की शिकार होने वाली निर्भया की मां आशा देवी भी खुशी का इजहार किया है।
संपादक की पसंद