संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से मौत की सजा के इस्तेमाल को रोकने या इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों को भारत में फांसी दिए जाने के एक दिन बाद यह अपील की गई है।
निर्भया गैंगरेप के दोषियों को शुक्रवार सुबह दी गई फांसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि न्याय हो गया।
सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले का छठा दोषी वारदात के वक्त नाबालिग था। इसीलिए आज तक उसका चेहरा सार्वजनिक नहीं किया गया।
निर्भया के चारों दोषियों को आज सुबह फांसी दे दी गई। दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद चारों दोषियों के शवों को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगीं।
जेल मेनुअल के अनुसार तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के अलावा चार अन्य लोग मौजूद थे। नियम के अनुसार जेल डीजी ने फांसी की सजा से पहले चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है। इन चारों दोषियों को दुष्कर्म के एक मामले में फांसी की सजा दी गई।
एक नाबालिग समेत बस में मौजूद छह लोगों ने निर्भया को अपनी हवस को शिकार बनाया और उसके साथ बर्बरता की।
आखिरकार सात साल तीन महीने बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इस दौरान सबसे ज्यादा कोई चर्चा में रहा तो वह हैं इन दोषियों के वकील एपी सिंह। दरअसल, एपी सिंह के कानूनी दांव पेच के चलते ही निर्भया के चारों दोषी कई साल फांसी से बचते रहे।
आखिरकार सात साल तीन महीने बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इन चारों को फांसी देने का काम किया पवन जल्लाद ने, जिसकी चार पीढ़ियां यही काम करती रही हैं। वो उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़ा अधिकृत जल्लाद है।
आज सुबह 5:30 बजे निर्भया के चार दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि न्याय की जीत हुई।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के 4 दोषियों मुकेश, पवन, अक्षय और विनय को आज दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई है। इसपर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज का दिन देश की बच्चियों का दिन है। आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है।
सिर्फ सुबह के वक्त ही फांसी क्यो दी जाती है। फांसी देते वक्त उसके परिजन वहां क्यों नही होते या फिर फांसी देते वक्त जल्लाद क्या बोलता है जैसे सवाल हमारें मन में आते रहते है। जानिए फांसी से सम्बन्धित सवालों के जनाब के बारें में।
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को शुक्रवार सुबह फांसी दे दी गई।
निर्भया की मां आशा देवी ने पवन सिंह की याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के फैसले पर कहा कि मैं आज संतुष्ट महसूस कर रही हूं, आखिरकार हमारी बेटी को न्याय मिला है।
निर्भया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार सुबह दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग करने वाली तीन दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चोरों आरोपियों की फांसी रोकने की याचिका को खारिज कर दिया। अब आज सुबह 5:30 बजें चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी। मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फिजियोथेरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार करने को लेकर दोषी ठहराया गया है।
सात साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार वो घड़ी भी आ ही गई, जब निर्भया के कातिलों की फांसी में फंसी हर 'फांस' गुरुवार को निकाल फेंकी गई। मतलब, शुक्रवार यानि 20 मार्च, 2020 को सुबह पांच से छह बजे के बीच निर्भया के मुजरिमों का फांसी के फंदे पर लटकना तय है।
सभी दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पहले ही जारी हो चुके हैं और 20 मार्च शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी का वक्त निर्धारित किया गया है।
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