निर्भया मामले के दोषियों को फांसी देने में दिल्ली सरकार की तरफ से किसी तरह की देरी से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि पीड़िता की मां को ‘‘गुमराह’’ किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को का आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि आप सरकार की वजह से निर्भया के दोषियों को फांसी देने में देरी हुई है।
निर्भया की मां ने चुनाव लड़ने की सभी अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका राजनीति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है।
फांसी की तारीख पर कभी 'हां', कभी 'न' के बीच निर्भया के हत्यारों को तिहाड़ जेल परिसर के कारावास नंबर तीन में स्थानांतरित कर दिया गया है जहां उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है।
निर्भया केस में दोषी मुकेश की दया याचिका दिल्ली के उप राज्यपाल ने खारिज कर गृह मंत्रालय को भेजा।
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड मामले के दोषी मुकेश के वकील ने ट्रायल कोर्ट में दया याचिका दाखिल की। इसके साथ ही वकील ने फांसी की तारीख को बढ़ाने की भी मांग की है।
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी है कि दोषियों को फांसी तभी दी जा सकती है जब उनकी दया याचिका खारिज हो और दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी दी जा सकती है
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड की पीड़िता 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा की मां ने कहा है कि उन्हें पूरा यकीन था कि दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो जाएगी और उन्हें यकीन है कि चारों को 22 जनवरी को फांसी जरूर होगी।
निर्भया मामले के दोषी विनय और मुकेश की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई क्यूरेटिव पिटीशन पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उसे खारिज कर दिया है।
जेल अधिकारियों के एक दल ने रविवार को डमी को फांसी देने का अभ्यास किया। जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के वजन के मुताबिक ही डमी बनाई गई थी।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दो दोषियों द्वारा दायर उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 14 जनवरी को सुनवाई करेगा।
20 दिन पहले भी तिहाड़ जेल महानिदेशालय ने यूपी जेल डिपार्टमेंट से इसी तरह का आग्रह किया था। दोबारा लिखी गई नई चिट्ठी में इस डेथ-वारंट का भी जिक्र किया गया है, साथ ही इस गोपनीय पत्र के जरिए कहा है कि यूपी जेल महानिदेशालय जिस जल्लाद को बेहतर माने उसे उपलब्ध करा दें।
निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषियों को अंगदान के लिए राजी करने के मकसद से याचिका दायर की गई है। अर्जी में याचिकाकर्ता ने फांसी की सजा पाए चारों दोषियों से मुलाकात की अनुमति मांगी है ताकि उन्हें अंग दान के लिए सहमत किया जा सके।
1983 में पुणे में सनसनीखेज जोशी-अभयंकर हत्या मामले में चार दोषियों को एक साथ यरवदा केंद्रीय जेल में फंदे पर लटकाया गया था।
जबसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के कातिलों को एक साथ फांसी पर लटकाने के लिए ‘डेथ वॉरंट’ जारी किया है, तबसे उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है।
डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही चारों दोषियों की 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है
पूरे सिस्टम इस तरह से बदलना होगा ताकि पीड़ितों के परिवारों को लंबा इंतजार न करना पड़े और अपराधी इस तरह की व्यवस्था का लाभ उठाते हुए जेलों के अंदर आराम से वक्त न बिता पाएं।
वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा।
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