इसी दिसंबर के महीने में 12 साल पहले दिल्ली में एक युवती से बलात्कार और हैवानियत की सारी हदें पार की गई थीं। उन दरिंदों को तो फांसी दी गई, कानून में बदलाव किया गया लेकिन क्या आज महिलाएं सुरक्षित हैं?
विधानसभा में दिल्ली की सीएम आतिशी बसों के अंदर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के मुद्दे पर बात कर रहीं थीं। सीएम आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने से पहले किसी और ने बसों के अंदर मार्शल रखे जाने का क्यों नहीं सोचा था?
अभिजित मुखर्जी ने कहा था कि दिल्ली में प्रदर्शन करनी वाली महिलाएं छात्रा नहीं हैं। बल्कि ऐसी तमाम महिलाएं हैं जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।
निर्भया के दोषियों को फांसी के एक साल बाद इंडिया टीवी आज बहुत बड़ा खुलासा कर रहा है। फांसी होने तक तिहाड़ में 3 दिन बड़ी हलचल हुई थी। फांसी टालने के लिए दोषियों ने क्या-क्या चालें चली थीं, इंडिया टीवी हर बात से पर्दा उठाएगा।
निर्भया के साथ नृशंस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को आठ साल बीत चुके हैं, चार युवकों को फांसी दी जा चुकी है, फिर भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से मौत की सजा के इस्तेमाल को रोकने या इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों को भारत में फांसी दिए जाने के एक दिन बाद यह अपील की गई है।
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चारों दोषियों के शव पोस्टमार्टम के बाद अंत्येष्टि के लिये शुक्रवार को उनके परिजनों को सौंप दिये गये।
डॉ. बीएन मिश्रा ने बताया कि दरअसल जब किसी इंसान को जल्लाद फंदे पर टांगकर फांसी लगाता है, तो ऐसी स्थिति में गर्दन की हड्डी एक झटके से टूटती है।
सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले का छठा दोषी वारदात के वक्त नाबालिग था। इसीलिए आज तक उसका चेहरा सार्वजनिक नहीं किया गया।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगीं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दोषियों की फांसी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अपनी पहली टिप्पणी में शिवराज सिंह ने कहा कि चारों नरपिशाचों को उनके कुकृत्य के लिए सजा मिल गई है।
जेल मेनुअल के अनुसार तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के अलावा चार अन्य लोग मौजूद थे। नियम के अनुसार जेल डीजी ने फांसी की सजा से पहले चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी।
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है। इन चारों दोषियों को दुष्कर्म के एक मामले में फांसी की सजा दी गई।
एक नाबालिग समेत बस में मौजूद छह लोगों ने निर्भया को अपनी हवस को शिकार बनाया और उसके साथ बर्बरता की।
आखिरकार सात साल तीन महीने बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इस दौरान सबसे ज्यादा कोई चर्चा में रहा तो वह हैं इन दोषियों के वकील एपी सिंह। दरअसल, एपी सिंह के कानूनी दांव पेच के चलते ही निर्भया के चारों दोषी कई साल फांसी से बचते रहे।
निर्भया के पिता ने कहा - हमे इस समय का 7 साल से इंतजार था आज निर्भया को इन्साफ मिला हैं
तिहाड़ जेल के मेडिकल ऑफिसर ने तिहाड़ में जेल नंबर 3 में फांसीघर के बेसमेंट में निर्भया के चारों गुनाहगारों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह के शवों की जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
आखिरकार सात साल तीन महीने बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इन चारों को फांसी देने का काम किया पवन जल्लाद ने, जिसकी चार पीढ़ियां यही काम करती रही हैं। वो उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़ा अधिकृत जल्लाद है।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के 4 दोषियों मुकेश, पवन, अक्षय और विनय को आज दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई है। इसपर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज का दिन देश की बच्चियों का दिन है। आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है।
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