देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अगले चार साल में 30 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। टीमलीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन और बुनियादी ढांचे में निवेश की वजह से इस क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी।
देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अगले चार साल में 30 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। टीमलीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन और बुनियादी ढांचे में निवेश की वजह से इस क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी।
विभिन्न उद्योगों से जुड़ी शीर्ष कंपनियों के चालू वित्त वर्ष के दौरान अपने कर्मचारियों की संख्या यानि श्रमशक्ति में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने का अनुमान जताया गया है।
स्टाफिंग फर्म टीमलीज सर्विसेस द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत श्रम कानूनों में सुधार सहित विभिन्न नियामकीय सुधारों को आगे बढ़ाता है तो आने वाले तीन साल में बिक्री कारोबार के क्षेत्र में एक करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि साल 2018 में विभिन्न क्षेत्रों में 70 लाख नई नौकरियां देने का प्रयास भारत सरकार करेगी।
संगठित क्षेत्र में श्रमशक्ति की बढ़ती भागीदारी से नियामकीय बदलाव निर्णायक हो गए हैं। यदि कुछ मुख्य सुधार किए जाएं तो संगठित रोजगार की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है और रोजगार के एक करोड़ नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
देश की स्टार्टअप कंपनियां इन दिनों भर्ती अभियान पर हैं। स्टार्टअप कंपनियों की ओर से की गई नियुक्तियों की अधिकतर पेशकश नए उम्मीदवारों के लिए हैं।
पढ़ाई खत्म करने के बाद नई-नई नौकरी की शुरुआत करने वाले अधिकांश यूथ यह नहीं जानते कि फाइनेंशियल प्लानिंग कब और कैसे शुरू की जाए। अपनाएं ये पांच आदत।
देश में निकट भविष्य में मैन्युफैक्चरिंग, रियर एस्टेट, संगठित खुदरा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, परिवहन और लाजिस्टिक क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है।
ई-कॉमर्स कंपनी Amazon.in ने आज कहा कि उसने बड़े उपकरणों और फर्नीचर श्रेणी की मांग को पूरा करने के लिए सात नए फुलफिलमेंट सेंटर की स्थापना कर रही है।
चीन इस साल प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में और 5 लाख नौकरियों में कटौती करेगा। सर्विसेस या इंटरनेट संबंधी बिजनेस में नए जॉब पैदा करने के लिए सहयोग भी करेगा।
GSMA के मुताबिक भारतीय टेलीकॉम सेक्टर से सरकार को 2020 तक 1,45,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। साथ ही, इस सेक्टर में लाखों नौकरियां पैदा होने की संभावना है।
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