बोस ने कहा, ‘‘यह अत्यधिक अपमानजनक है कि नेताजी के अवशेष रेंकोजी मंदिर में रखे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले साढ़े तीन साल से प्रधानमंत्री को पत्र लिखते रहे हैं कि भारत के मुक्तिदाता को सम्मान देने के लिए उनके अवशेष भारतीय सरजमीं पर लाए जाएं।’’
साल 2021 pm मोदी ने ऐलान किया की, 23 जनवरी को हर साल पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाएगा, जब साहस को सलामी दी जाएगी। लेकिन इस ख़ास दिन के लिए 23 जनवरी को ही क्यों चुना गया ? क्यों इस दिन को ही पराक्रम दिवस मानाने का फैसला किया गया। चलिए हम आपको बताते हैं।
आज नेता जी की जयंती है। नेता जी ने अपना सारा जीवन देश के नाम कर रखा था। नेता जी ने देश की आजादी के लिए काफी संघर्ष किया। आइए नेता जी के जीवन से जुड़े कुछ इतिहास पर नजर डालें।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में नेताजी के योगदान को याद करने का सबसे अच्छा तरीका कड़ी मेहनत करना और छुट्टियों में शामिल नहीं होना है। उन्होंने कहा कि यह सवाल पूरी तरह से सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।
Netaji Subhas Chandra Bose Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
Netaji Statue India Gate: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने देश में राजनीतिक दलों से उनके पिता की अस्थियां टोक्यो के रेनकोजी मंदिर से भारत लाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया।
Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी की बेटी अनीता बोस फाक ने कहा कि वह चाहती हैं कि ताइपे में हुई विमान दुर्घटना में बोस की मौत के बाद से अब तक जापान के रेनकोजी टेंपल में रखे उनके अवशेषों को उचित सम्मान के साथ वापस लाया जाए।
Subhas Chandra Bose: कई इतिहासकारों का मानना है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में प्लेन क्रैश में हुई थी। विमान में बम धमाका हुआ था। नेताजी के निधन के वक्त कई जापानी लोग भी उनके साथ थे। इस मामले में 1956 में जापान में एक विस्तृत रिपोर्ट आई थी।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करने के साथ अपने राजनीतिक विरोधियों को भी करारा जवाब देंगे। लेकिन सोचने वाली बात ये है की आखिर नेताजी के सम्मान में 75 साल क्यों लग गए और इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करने के साथ अपने राजनीतिक विरोधियों को भी करारा जवाब देंगे। क्यों और कैसे इसे समझने के लिए देखिए मुक़ाबला
नेताजी ने देश की आजादी के लिए विश्वभर का भ्रमण किया और ब्रिटेन के विरोधी देशों का साथ पाने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किए। इसी बीच जर्मनी में वह ऑस्ट्रियन मूल की महिला एमिली शेंकल से मिले और दोनों ने सन् 1942 में बाड गास्टिन में हिन्दू पद्धति से विवाह रचा लिया। उनकी एक बेटी अनीता बोस है। अनीता की उम्र 80 साल है और वे ऑस्ट्रियन अर्थशास्त्री हैं।
देश भारतमाता के वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। उनके जन्मदिन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। अब गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत उनके जन्मदिन से प्रारंभ होगी। जानिए नेताजी कैसे राजनीति में आए, क्यों आईसीएस की परीक्षा से त्यागपत्र दे डाला और भी बहुत कुछ।
शहीद, भगत सिंह की 90वीं पुण्यतिथि 23 मार्च को होती है। इंडिया टीवी ने कुछ युवाओं से उनकी विचार प्रक्रिया के बारे में जानने की कोशिश की, जब वे इस उम्र में थे या जो इस उम्र में हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब भाषण देने के लिए मंच पर पहुंचीं, तब 'जयश्री राम' के नारे लगने लगे. इससे नाराज ममता बनर्जी ने मंच पर बोलने से इनकार कर दिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगाने वाले भाजपा समर्थकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ही फंटकार लगा दी।
महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर उन्हें संगीतमय श्रद्धांजलि।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 'आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावूक करने वाला पल है। बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैं किसी भी स्थिति में रहा, ये नाम कान में पड़ते ही एक नई ऊर्जा से भर गया'।
नेता के पड़पोते सीके बोस ने आगे कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने दिसंबर 1965 में पीएम के रूप में कोलकाता के रेड रोड पर नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किया था। तब से, 23 जनवरी को किसी अन्य पीएम ने राज्य का दौरा नहीं किया।
पदयात्रा शुरू करने से पहले ममता बनर्जी ने कहा कि आजादी से पहले ही नेताजी ने योजना आयोग और भारतीय राष्ट्रीय सेना की कल्पना नेताजी की दूरदर्शिता थी। वो (भाजपा) उन्हें अपना नायक मानने की बात करते हैं लेकिन योजना आयोग समाप्त कर देते हैं। हम उनकी 125 वीं जयंती को भव्य रूप में मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को कोलकाता जाएंगे जहां वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। बता दें कि मोदी सरकार ने नेताजी की जयंती को हर साल पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया है।
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