जेएलआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राल्फ स्पेथ ने कहा कि जेएलआर वाहन उद्योग क्षेत्र की पहली ऐसी कंपनी है जिसने कई चुनौतियों के बावजूद सफलता पाई है।
कंपनी की एकीकृत परिचालन आय 2018-19 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7,395.19 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6,788.43 करोड़ रुपए थी।
वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में आईटीसी की कुल आय 14.26 प्रतिशत बढ़कर 12,946.21 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11,329.74 करोड़ रुपए थी।
एचडीएफसी ने बयान में कहा कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 11,586.58 करोड़ रुपए रही, जो कि इससे एक साल पहले मार्च तिमाही में 9,322.36 करोड़ रुपए थी।
पूरे वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 3,069.07 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2017-18 में उसे 4,187.41 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि आलोच्य तिमाही में एचसीएल टेक्नोलॉजीज की आमदनी 21.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15,990 करोड़ रुपए रही।
वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 29 प्रतिशत बढ़कर 107.2 करोड़ रुपए रहा।
बैंक ने एनपीए के लिए चौथी तिमाही में 5,451 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में बैंक ने 4,244 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
चौथी तिमाही के लिए कंपनी का एबिटडा भी सुधरकर 2,321 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 2,048 करोड़ रुपए था।
तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 2,220.51 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1,553.97 करोड़ रुपए रही थी।
31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए दोगुना बढ़कर 3.22 प्रतिशत हो गया, जो 2017-18 की अंतिम तिमाही में 1.28 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक को 2188 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।
मारुति सुजुकि इंडिया का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 4.6 प्रतिशत घटकर 1795.6 करोड़ रुपए रहा है।
ऑयल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद कंपनी ने अपने रिटेल और टेलीकॉम के मजबूत प्रदर्शन से रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है।
निजी क्षेत्र के आरबीएल बैंक (RBL Bank) और डीसीबी बैंक (DCB Bank) को वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में अच्छा मुनाफा हुआ है।
एक अरब डॉलर की आय का लक्ष्य हासिल करने और कंपनी की 20वीं वर्षगांठ पर 200 प्रतिशत (20 रुपए प्रति शेयर) का विशेष लाभांश देने की भी सिफारिश की है।
पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में विप्रो का शुद्ध लाभ 12.6 प्रतिशत बढ़कर 9,017.9 करोड़ रुपए रहा, जबकि परिचालन आय 7.5 प्रतिशत बढ़कर 58,584.5 करोड़ रुपए रही।
टीसीएस के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 18 रुपए का अंतिम लाभांष देने की सिफारिश की है।
इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान आय में 7.5 से 9.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा कि विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में वृद्धि और रुपए की विनिमय दर में गिरावट के बावजूद स्पाइसजेट ने राजस्व के मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन किया और अन्य लागतों को नियंत्रित किया।
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