नेपाल के बाद पूर्वी इंडोनेशिया भी शक्तिशाली भूकंप से दहल गया है। एक के बाद एक तीन सिलसिलेवार भूकंप से लोगों की जान सांसत में पड़ गई है। भूकंप की अधिकतम तीव्रता रिक्टर पैमान पर 7.0 दर्ज की गई है। आरंभिक तौर पर नुकसान की कोई खबर नहीं है। मगर तीव्रता को ध्यान में रखते हुए बड़े नुकसान की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन दिनों में भूकंप के दो तेज झटके महसूस किए गए। वहीं नेपाल में शुक्रवार की रात को आए भूकंप में जान-माल की काफी क्षति हुई है। बार-बार आ रहे भूकंप के झटके कहीं बड़े खतरे का संकेत तो नहीं, जानें वजह।
भूकंप के जोरदार झटकों से सोमवार दोपहर एक बार फिर नेपाल की धरती कां उठी है। तीन दिन में नेपाल में तीसरी बार भूकंप के झटकों से धरती डोली है। शुक्रवार रात जोरदार भूकंप आया था, जिससे सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इस झटके से उबरा भी नहीं था कि तीसरी बार सोमवार दोपहर को एक बार और तेज भूकंप आ गया।
नेपाल में एक घायल ने होश में आने पर बताया कि बचावकर्मियों को मुझ तक पहुंचने में लगभग आधे से एक घंटे का समय लग गया।’’ अस्पताल में भर्ती एक अन्य व्यक्ति टीका राम राणा ने कहा, ‘‘मैं सो रहा था कि रात को करीब 10-11 बजे सब हिलने लगा और मकान धंस गया। कई मकान ढह गए और कई लोग मलबे में दब गए।
नेपाल में 8 साल में आए सबसे भीषण भूकंप के दो दिन बाद एक बार फिर से धरती कांपी है। खबर है कि आज सुबह 4 बजकर 38 मिनट पर फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी 2023 से अब तक नेपाल में 4. 0 और उससे अधिक तीव्रता के कुल 70 भूकंप आए हैं। इनमें से 13 की तीव्रता पांच से छह के बीच थी जबकि तीन की तीव्रता 6.0 से ऊपर थी। कोइराला ने बताया कि टेक्टॉनिक प्लेट की गति के माध्यम से एकत्रित ऊर्जा को मुक्त करने को भूकंप आते हैं।
नेपाल में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रधानमंत्री पुष्प दहल कमल प्रचंड ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। साथ ही अपने हेलीकॉप्टर में साथ बैठकार काफी संख्या में घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में आई आपदा पर दुःख जताते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
नेपाल में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। जानकारी के मुताबिक नेपाल में अबतक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब नेपाल भूकंप की मार झेल रहा है। नेपाल में हमेशा भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं, क्योंकि इसके पीछे एक भौगोलिक कारण है।
नेपाल में आधी रात आए भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस हादसे में जान गवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हम नेपाल की हर संभव मदद के लिए तैयार हैं।
नेपाल में भूकंप ने जमकर कहर बरपाया है। भूकंप की वजह से कई लोगों की मौत हुई है और कई घायल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। काफी मात्रा में बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा है और लोग डरे हुए नजर आ रहे हैं।
पीड़ित पति नेपाल में रहकर काम करता है। पिछले कुछ दिनों से उसकी पत्नी उससे लगातार मोबाइल फोन की मांग करती थी। वह एक हफ्ते पहले जब घर आया तब उसने महंगा स्मार्ट फोन पत्नी को गिफ्ट कर दिया और वापस वह नेपाल चला गया।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद अमेरिकी यात्रा पर हैं। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से द्विपक्षीय वार्ता भी की। इस दौरान व्यापार, निवेश समेत खाद्य सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग मांगा।
भारत और नेपाल सीमा निर्जन क्षेत्र यानी नो मेंस लैंड एरिया में अवैध रूप से खेती की जा रही है। ऐसे खेतों को चिह्नित करके हटाया जाएगा। इसके लिए भारत और नेपाल मिलकर सर्वे करेंगे। इसके लिए संयुक्त टीम का गठन किया गया है।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 महसूस की गई है।
रविवार 22 अक्टूबर को नेपाल में कई चंद घंटों में भूकंप के दो बार तेज झटके महसूस किए गए। वहीं अब सोमवार सुबह म्यांमार में भूकंप की वजह से धरती कांप उठी।
नेपाल में भूकंप की वजह से धरती कांपी है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है। ये भूकंप नेपाल में शाम 5 बजकर 18 मिनट पर महसूस किया गया है।
नेपाल में भूकंप आने का क्रम जारी है। अक्टूबर महीने में अब तक कई बार भूकंप आ चुका है। हालांकि इन झटकों की वजह से अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है।
टूर पैकेज के तहत पैकेज में पशुपतिनाथ मंदिर, पाटन दरबार स्क्वायर, स्वयंभूनाथ स्तूप, मनकामना मंदिर आदि सहित काठमांडू और पोखरा के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों के दर्शनीय स्थल आप घूम सकेंगे।
भारत के बाद पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया है। जानकारी के अनुसार नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत में सोमवार को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर धरती हिलने लगी। इससे लोग घबराकर बाहर की ओर भागने लगे। इससे एक दिन पहले रविवार को भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में भूकंप आया था।
हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला करके जहां कई स्थानीय नागरिकों की जान ले ली है, वहीं नेपाल के भी कुछ नागरिकों को बंधक बना लिया है।
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