ओली का शपथग्रहण समारोह सोमवार को नेपाल के राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन में हुआ है। ओली ने पुष्प कमल दाहाल प्रचंड की जगह पीएम पद की शपथ ली है।
नेपाल की सरकार ने 100 रुपये के नए नोट को छापने के लिए मंजूरी दे दी है जिसमें जो मानचित्र होगा उसमें विवादित स्थल लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल के हिस्से के रूप में दर्शाया जाएगा।
भुसाल ने कहा कि यदि भारत सरकार रिपोर्ट हासिल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती है, तो नेपाल सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। यदि दोनों देश रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते हैं तो ईपीजी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल को अधिक से अधिक बिजली उत्पादन कर इसका लाभ उठाना चाहिए।
'प्रचंड' ने वरिष्ठ मधेसी नेता और जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव को जनसंख्या और स्वास्थ्य मंत्री जबकि जेएसपी के ही कोशोर शाह को वन मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
मालदीव की तरह अब नेपाल में भी 'खेला' होने की कवायदें चल रही है। चीन समर्थक केपी शर्मा ओली वर्तमान नेपाल में प्रचंड सरकार को गिराने की कोशिशों में जुटे हैं। मालदीव के बाद नेपाल में भी जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है।
नेपाल में प्रधनमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को लेकर विमान समय से पहले ही दुबई की ओर उड़ गया। इस कारण 31 यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे रह गए। बाद में एयरलाइंस ने यात्रियों से माफी मांगी। जानिए क्या है पूरा मामला।
चीन के दौरे पर गए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चीनी राष्ट्राध्यक्षों यानी राष्ट्रपति जिनपिंग और चीनी पीएम के समक्ष अडिग रहे। चीन अपनी चाल में उन्हें नहीं फंसा पाया। बीआरआई और सैन्य गठबंधन 'जीएसआई' पर चीन की मंशा के बावजूद नेपाली पीएमने साइन नहीं किए। बीआरआई पर भी बात नहीं बनी।
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' चीन के दौरे पर जा रहे हैं। वे वहां एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलने का कार्यक्रम है। प्रचंड की चीन यात्रा से पहले भारत से नेपाल का 'इलेक्ट्रिसिटी' समझौता हुआ है। इससे चीन को मिर्ची लगेगी।
प्रचंड को पीएम बने रहने के लिए गठबंधन के दलों को खुश रखना पड़ रहा है। अनिता देवी जनमत पार्टी की नेता हैं। पार्टी के 6 सांसद हैं।
नेपाल के पीएम प्रचंड ने भारत से जुड़े बयान के मसले पर खेद व्यक्त कर दिया है। दरअसल पीएम ने अपने एक बयान में कह दिया था कि एक भारतीय कारोबारी ने उनकी बहुत मदद की। वह उन्हें पीएम बनवाने के लिए प्रयासरत थे। इस पर विपक्ष प्रचंड के इस्तीफे पर अड़ गया था।
नेपाल के पीएम पुष्पकुमार दहल 'प्रचंड' अपने एक बयान से विवादों में घिर गए हैं। नेपाल विपक्ष उनसे इस्तीफा मांग रहा है। उन्होंने अपने पीएम बनने में भारत की भूमिका का जिक्र किया था। हालांकि बयान से पलट गए। जानिए क्या है पूरा विवाद, प्रचंड का कब कब रहा विवादों से नाता?
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 31 मई से ही भारत दौरे पर हैं। उन्होंने आज उज्जैन में भगवान महाकाल के गर्भगृह का दर्शन कर रुद्राक्ष भेंट किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड जैसे ही अतिथियों के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकले वैसे ही कलाकारों ने निमाड़ का गणगौर, आदिवासी अंचल के भगोरिया और मालवा नृत्य के साथ उनका स्वागत किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' पीएम का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंचे। वे अपने चार दिनों के दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के मुलाकात करेंगे।
नेपाल के पीएम प्रचंड का उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने का भी कार्यक्रम है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री प्रचंड का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार भेंट करने का कार्यक्रम है।
काफी उतार चढ़ावों के बाद अब फाइनली नेपाल के प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं। वे 31 मई को भारत आएंगे।
दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की ओर इशारा करते हुए प्रचंड ने कहा, ‘नेपाल और चीन मैत्रीपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और सहकारी संबंधों का एक लंबा इतिहास संजोए हुए हैं। नेपाल और चीन के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का इतिहास बहुत पुराना है।‘
नेपाल में पिछले दो महीने में ही सत्ता में आए बदलाव के बाद संवैधानिक बाध्यता के कारण पीएम दहल को एक बार फिर विश्वास मत की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा। इसमें वे विजयी हुए।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के इस ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर छह लाख 90 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। हालांकि अकाउंट हैक होते ही नेपाल के सियासी हलके में अफरा-तफरी मच गई।
प्रचंड ने भारत की बजाय कतर की यात्रा को तरजीह दी। इससे पहले कि वे कतर दौरे पर जाते, उन्हें कतर का दौरा ही रद्द करना पड़ा। अपनी सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच पुष्प कमल दहल को यह यात्रा रद्द करना पड़ी है।
संपादक की पसंद