केंद्रीय बैंक ने पार्किंग और पेट्रोल पंपों पर भुगतान के लिए फास्ट टैग का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव रखा है।
आरबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब ग्राहकों को दिसंबर से 24 घंटे एनईएफटी के जरिए लेन-देन की सुविधा मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि आरटीजीएस के जरिये बड़ी राशि के अंतरण की सुविधा 26 अगस्त से सुबह 8 बजे के बजाय 7 बजे से उपलब्ध होगी। फिलहाल ग्राहकों के लेन-देन के लिये रीयल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिसंबर से एनईएफटी (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण) के जरिये 24 घंटे कोष हस्तांतरण की अनुमति देने का निर्णय किया है। इसका पहल का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।
आरटीजीएस सिस्टम बड़ी राशि वाले फंड ट्रांसफर के लिए है, जबकि एनईएफटी सिस्टम का उपयोग 2 लाख रुपए तक की राशि के ट्रांसफर के लिए किया जाता है।
आज (1 जुलाई 2019) से देश में ये नियम बदल जाएंगे, जिनका आपकी जेब पर सीधा असर असर होगा।
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) सिस्टम के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर के लिए एक जुलाई से आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा।
देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने गुरुवार को आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम पर उसके द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क को समाप्त करने की घोषणा की है।
आरटीजीएस का उपयोग मुख्यत: बड़ी राशि के हस्तांतरण के लिए होता है। इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपए भेजे जा सकते हैं और अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है।
पोस्ट ऑफिस में लगभग 34 करोड़ लोगों के खाते हैं और इस योजना के बाद सभी 34 करोड़ लोगों तक यह सुविधा पहुंच सकेगी
पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अपग्रेडेशन से पहले बैंक में रोजाना औसतन 1.20 करोड़ ट्रांजेक्शन होती थी
निजी क्षेत्र के HDFC बैंक ने RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और NEFT के जरिए किए जाने वाले लेनदेन को एक नवंबर से नि:शुल्क कर दिया है।
निजी क्षेत्र के HDFC बैंक ने RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और NEFT के जरिए किए जाने वाले लेनदेन को एक नवंबर से नि:शुल्क कर दिया है।
आज हम आपको बताएंगे कि म्यूचुअल फंड के यूनिटों को भुनाकर आप अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।
SBIने NEFT और RTGS के शुल्क में 75 फीसदी की भारी कटौती की है। यह कटौती 2 दिन बाद यानि 15 जुलाई से लागू होगी।
RBI ने NEFT की प्रक्रिया को तेज सेटलमेंट के लिए सक्षम बनाया है। आरबीआई ने सेटलमेंट साइकिल को वर्तमान 12 से बढ़ाकर 23 कर दिया है।
हम आपको बता रहे हैं कि डिजिटल ट्रांजैक्शन नकद भुगतान की तुलना में आपकी जेब पर कैसे भारी पड़ता है और किस तरह के लेन-देन के लिए आपको कितना शुल्क देना होता है।
इलैक्ट्रॉनिक लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से आईएमपीएस और यूपीआई पर लगने वाले चार्ज को घटाने को कहा है।
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