अजित पवार शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले को लेकर अपने ही सरकार के खिलाफ हो गए हैं। उनकी पार्टी आज इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन करने जा रही है।
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014 में अब अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी उतर गई है और उसने पहले चरण के लिए 3 उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए हैं।
महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव का आयोजन होने वाला है। सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। इन सब के बीत इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि नवाब मलिक अजित और शरद पवार में से किसके साथ जाएंगे।
लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अब अजित पवार ने इस कदम को गलत बताया है और कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
महाविकास आघाडी में विधानसभा के लिए सीटों का बंटवारा मेरिट के आधार पर होगा और अब मेरिट का पैमाना बनाने के लिए इन दलों ने एक नोडल एजेंसी को नियुक्त किया है।
पश्चिम महाराष्ट्र की आठ सीटों पर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने अपने उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं। क्षेत्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
अजित पवार ने कहा, सभी आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पहली बार 1999 में और शिंदे 2004 में विधायक बने थे, जबकि वह पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे। उन्होंने मजाकिया लहजे में ये बातें कही।
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता की तरफ से चौंकाने वाला बयान आया है। उन्होंने अजीत पवार कोटे से मंत्री बनने वाले नेता पर कांग्रेस के पूर्व विधायक की सहायता करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र की राजनीति फिर से गर्म हो रही है, आलम हाथापाई तक पहुंच गया है, आज MNS के कार्यकर्ताओं ने NCP विधायक की कार संग जमकर तोड़फोड़ की है।
महायुति गठबंधन में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है। लेकिन एनसीपी नेता अजित पवार के बयान के बाद स्स्पेंस गहरा गया है।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अजित गुट के विधायकों के साथ-साथ भाजपा के भी कई नेता शरद पवार के साथ आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर फैसला लेगी कि किसे साथ लेना है और किसे नहीं।
साल 2023 में एनसीपी में विद्रोह हुआ और पार्टी के ज्यादातर विधायकों के साथ अजित पवार भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। अब शरद पवार ने अजित की वापसी पर बड़ा बयान दिया है।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अजीत पवार की एनसीपी को झटके लगने शुरू हुए हैं। कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं और महायुति में भी अजित पवार के खिलाफ आवाजें उठती रही हैं।
छगन भुजबल और शरद पवार ने आज मुंबई में मुलाकात की। इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसे में बीजेपी अहज स्थिति में दिख रही है।
अजित पवार ने अपने सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ गणपति बप्पा के दर्शन किए और विनायक पूजा भी की है। आइए जानते हैं कि उनकी ये पूजा क्यों चर्चा का विषय बन गई है।
अजित पवार ने अपने आवास पर एक बैठक की जिसमें नवाब मलिक भी शामिल हुए। मगर इसके बाद भाजपा और शिवसेना दोनों पार्टियों ने नवाब मलिक के बैठक में आने को लेकर ऐतराज जताया है।
अजित पवार की NCP ने मुस्लिम आरक्षण का समर्थन किया है। पार्टी के नेता सूरज चव्हान ने कहा है कि मुसलमानों को अलग से आरक्षण मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र की दिग्गज नेता सूर्यकांता पाटिल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी थीं। वह केंद्र में मंत्री भी रह चुकी हैं। बीजेपी से नाराजगी के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
शिवसेना नेता रामदास कदम ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि अच्छा होता कि वह कुछ दिनों तक नहीं आते। इस पर एनसीपी नेता अमोल मितकारी ने पलटवार किया है।
लोकसभा चुनाव परिणाम में अजित पवार के गुट वाली पार्टी ने महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट जीती है। शरद पवार के गुट वाली NCP ने 8 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। अजित पवार के गुट के किसी भी नेता को केंद्र में मंत्री भी नहीं बनाया गया है।
संपादक की पसंद