इस साल दो जुलाई को राकांपा में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
रविवार 2 जुलाई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अकोला से विधायक किरण लाहमटे अजित पवार के साथ दिखे थे, लेकिन उसके बाद वह शरद पवार गुट में लौट आये थे। वहीं अब एक बार फिर से उन्होंने पलटी मारी है।
भतीजे अजित पवार के अलग हो जाने के बाद शरद पवार एकबार फिर से मैदान में उतर चुके हैं। वह येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है।
शरद पवार ने आज एक बार फिर कहा कि एनसीपी का अध्यक्ष में ही हूं। उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।
मैं शरद पवार की इस हिम्मत की दाद दूंगा कि स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, उम्र भी उनकी तरफ़ नहीं है, वो सारे नेता जिन्हें उन्होंने बनाया था साथ छोड़ गए, तो भी वो युद्ध के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह एनसीपी भी दो धड़ों में बंट चुकी है। एक गुट अजित पवार के साथ है, तो दूसरा शरद पवार के साथ खड़ा है। हाल ही में शरद पवार ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने के आरोप लगाए थे, इसी पर आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसकी जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी नहीं है।
दिल्ली में शरद पवार के आवास पर एनसीपी कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। इस बैठक प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और शिंद सरकार में शामिल होनेवाले 9 विधायकों को पार्टी से निकालने से फैसला लिया गया।
अठावले ने इस बारे में कहा कि मैं आज अजित पवार से मिला। उन्होंने सही फैसला लिया है। मैं उनके साथ काफी समय से हूं। पीएम नरेंद्र मोदी सभी को एक साथ लेकर चलना चाहते हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़े ट्विस्ट के बाद अब एनसीपी में कब्जे की जंग शुरू हो गई है। चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच पार्टी और पार्टी के निशान को लेकर खींचतान जारी है। इसके लिए आज शरद पवार दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में बुधवार को दिनभर चले एनसीपी के सियासी ड्रामे के बाद शरद पवार के चहेते अनिल देशमुख ने अजित पवार को करारा जवाब दिया है। अजित ने शरद के रिटायरमेंट की बात कही तो देशमुख ने कहा-टाइगर अभी जिंदा है।
महाराष्ट्र में एनसीपी में आई दरार की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। आखिर पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी? जानिए इनसाइड स्टोरी-
महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी की एक मजबूत भूमिका रही है। लेकिन अब यह पार्टी लगभग दो भागों में बंट चुकी है। बागी गुट ने अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है। वहीं पार्टी पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग में भी पहुंच चुकी है।
महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आ रही है कि सीएम एकनाथ शिंदे नाराज हैं क्योंकि एनसीपी को सरकार में शामिल किया गया। वह राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए हैं और मुंबई वापस लौट आए हैं।
NCP सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार में पार्टी पर कब्जे के लिए चल रही जंग के बीच जूनियर पवार को बड़ा झटका लगा है।
शरद पवार ग्रुप की तरफ से विधायकों और पदाधिकारियों का एफिडेविट यानी कि प्रतिज्ञा पत्र बनवाया जा रहा है। शरद पवार गुट के विधायकों से ये लिखित में लिया जा रहा है कि वो शरद पवार के प्रति वफादार हैं और उनकी निष्ठा शरद पवार के प्रति है और वही उनके नेता हैं।
शरद पवार और अजित पवार ने आज बैठक बुलाई है। जिससे इस बात का फैसला होगा कि असली एनसीपी कौन है। एक तरफ शरद पवार अपने पास संख्या बल होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अजित पवार भी डटे हुए हैं।
महाराष्ट्र की सियासत के लिए बुधवार का दिन अहम रहने वाला है। टूट के बाद एनसीपी के दोनों धड़ों ने बैठक बुलाई है। उससे पहले अजित पवार ने कहा है कि ज्यादा विधायक हमारे पास हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल हुआ है और शरद पवार की एनसीपी में टूट होने के बाद सियासत चरम पर है लेकिन एनसीपी में टूट, धोखा है या गेम प्लान-जानिए इस ब्लॉग में।
पार्टी में हुई बगावत के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विरोधी गुट को सख्त चेतावनी दी है कि वे उनसे इजाजत लिए बिना उनकी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करें।
महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम अजित पवार मुंबई स्थित एनसीपी के नए दफ्तर में पहुंचे जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया और समर्जथन में जमकर नारेबाजी की।
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