महाराष्ट्र में एक और बड़े सियासी सरप्राइज के संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो शरद पवार की एनसीपी में एक और टूट हो सकती है। बताया जा रहा है कि जयंत पाटिल ने अमित शाह से मुलाकात की जिसके बाद वे शिंदे सरकार में शामिल हो सकते हैं।
पुणे के कार्यक्रम को लेकर महाविकास अघाड़ी में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस और शिवसेना उद्धव खुलकर शरद पवार को कार्यक्रम में ना जाने की नसीहत दे रहे थे लेकिन शरद पवार ने उनकी बातों को तवज्जो नहीं दिया।
अजित पवार द्वारा दो जुलाई को की गई बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी के तीनों नेताओं ने पहली बार एक साथ किसी कार्यक्रम में भाग लिया।
महाराष्ट्र के पुणे में एक एनसीपी नेता द्वारा बीच सड़क पर एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर को मुक्के जड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
क्या अजित पवार का मंत्रियो और विधायकों के साथ शरद पवार से मिलना और उन्हें मनाने की कोशिश रंग लाती दिख रही है? कल ही अजित पवार ने बतौर वित्तमंत्री एनसीपी के सभी विधायकों को जमकर फंड भी दिया है।
महाराष्ट्र में एनसीपी के विधायक अमोल मिटकरी ने अजित पवार को लेकर बड़ा दावा किया है। मिटकरी ने ट्वीट कर दावा किया है कि डिप्टी सीएम अजित पवार जल्द ही सीएम पद की शपथ लेंगे।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए नागालैंड में पार्टी के सभी नेताओं ने अजित गुट को अपना समर्थन देने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र में अजित पावर गुट ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से कुछ ही घंटों के अंदर दूसरी बार मुलाकात की जिसके बाद सियासी पंडित कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
आज की बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले अजित पवार ने अपनी मंत्रिस्तरीय टीम और अन्य नेताओं के साथ रविवार दोपहर को शरद पवार को फोन किया था, इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
अजित पवार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा की टेबल के सिरे कुछ ही महीने में घूम गए और नेता विपक्ष की बजाय सत्तापक्ष के नेता हो गए। सवाल ये है कि पिछले सत्र में नेता विपक्ष की कुर्सी से खड़े होकर अजित पवार ने महाराष्ट्र सरकार से जिन मुद्दों पर सवाल पूछे थे, उनका अब जवाब कैसे देंगे।
सूत्रों की मानें तो नाराज चल रहे शरद पवार को मनाने की कोशिश अजित पवार और उनके साथी मंत्री व विधायक कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार मान जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सुप्रिया सुले का मंत्री बनने का रास्ता साफ हो सकता है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र देवेंद्र फडणवीस से वित्त और नियोजन विभाग वापस लेकर अजित पवार को सौंपा गया है। इन्हीं दो मंत्रालयों को लेकर पेंच फंसा हुआ था।
महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी का अजित पवार का गुट शामिल होने के बाद से शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। इससे शिंदे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
महाराष्ट्र सरकार में शपथ लिए एनसीपी के अजित पवार गुट को एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक विभागों का आवंटन नहीं हो सका है।
इस साल दो जुलाई को राकांपा में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
रविवार 2 जुलाई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अकोला से विधायक किरण लाहमटे अजित पवार के साथ दिखे थे, लेकिन उसके बाद वह शरद पवार गुट में लौट आये थे। वहीं अब एक बार फिर से उन्होंने पलटी मारी है।
भतीजे अजित पवार के अलग हो जाने के बाद शरद पवार एकबार फिर से मैदान में उतर चुके हैं। वह येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है।
शरद पवार ने आज एक बार फिर कहा कि एनसीपी का अध्यक्ष में ही हूं। उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।
मैं शरद पवार की इस हिम्मत की दाद दूंगा कि स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, उम्र भी उनकी तरफ़ नहीं है, वो सारे नेता जिन्हें उन्होंने बनाया था साथ छोड़ गए, तो भी वो युद्ध के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह एनसीपी भी दो धड़ों में बंट चुकी है। एक गुट अजित पवार के साथ है, तो दूसरा शरद पवार के साथ खड़ा है। हाल ही में शरद पवार ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने के आरोप लगाए थे, इसी पर आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसकी जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी नहीं है।
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