अजित पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया और निर्वाचन आयोग द्वारा उसे मूल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) घोषित करने के आदेश को शरद पवार गुट की ओर से चुनौती दिये जाने की स्थिति में उसका पक्ष भी सुने जाने का अनुरोध किया।
अजित पवार गुट को असली NCP करार देने के चुनाव आयोग के फैसले को अनिल देशमुख ने लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि जिसने मकान बनाया, जिसने मकान का विस्तार किया, उसी की पार्टी उससे छीनी जा रही है।
अजीत पवार गुट के संबंध में निर्वाचन आयोग के फैसले के संबंध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी राय देते हुए कहा कि यह अपेक्षित निर्णय था। पिछले 10-15 सालों में इस प्रकार के मामलों में इलेक्शन कमीशन ने लगातार जिस प्रकार से निर्णय अलग-अलग समय पर दिए हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शरद पवार को बड़ा झटका मिला है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। चुनाव आयोग ने आदेश देते हुए साफ माना है कि अजित पवार ही असली एनसीपी है।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी, दोनों बहुमत के परीक्षण के आधार पर अजित गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपनी ही सरकार पर पिछले दरवाजे से मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में आरक्षण देने का आरोप लगाया है।
शरद पवार के पोते रोहित पवार से गुरुवार को ईडी ने 8 घंटे तक पूछताछ की। रोहित पवार दस दिन में दूसरी बार ईडी के सामने पेश हुए। पूछताछ के बाद ईडी दफ्तर से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा, मैं सारे दस्तावेज लेकर ईडी दफ्तर गया था। सभी सवालों का जवाब दिया।
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सरकार में ही दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार ने किसी तरह से इस आंदोलन को समाप्त कराया तो वहीं अब छगन भुजबल ने खुल कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
ईडी ने 5 जनवरी को बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और कुछ संबंधित संस्थाओं के परिसरों पर छापेमारी की थी।
INDIA गठबंधन का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बनाया गया है। वहीं जब संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार का नाम सामने आया तो उन्होंने यह पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों अपनी-अपनी तैयारियों में लगी हुूई हैं। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन और चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बैठकें जारी हैं। इस बीच एनसीपी के एक बड़े नेता ने बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने क्या कहा है-
शरद पवार ने पीएम मोदी के अपमान, बिलकिस बानो केस, इंडिया गठबंधन, सीट शेयरिंग और भगवान राम को लेकर बयान दिया। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि मेरी उम्र का जिक्र जो करते हैं, उस पर मुझे कोई जवाब नहीं देना है।
महाराष्ट्र में आज होने वाली इंडी अलायंस की एक बड़ी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होने वाली है।
भगवान राम पर टिप्पणी करना अब एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड को महंगा पड़ रहा है। दरअसल उनके खिलाफ एक के बाद एक कई केस मुंबई में दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। बता दें कि उन्होंने भगवान राम को मांसाहारी बताया था।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुनील कांबले ने पुणे के ससून अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी के अजित पवार गुट के एक पदाधिकारी जितेंद्र सातव को थप्पड़ मारा है। सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
भगवान श्रीराम पर विवावित बयान देने वाले शरद पवार गुट के एनसीपी जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मुंबई में केस दर्ज किया गया है। विधायक पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने शिर्डी में कहा था कि प्रभु श्री राम यह मांसाहारी थे। इसके बाद से ही उनकी काफी आलोचना हो रही है।
शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड श्रीराम पर विवादित टिप्पणी कर के बुरी तरह से फंस गए हैं। उन्होंने श्रीराम को मांसाहार का सेवन करने वाला बता दिया जिसके बाद से उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही है।
अयोध्या के भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसमें पीएम मोदी भाग लेने वाले हैं। हालांकि, एनसीपी शरद पवार के गुट के नेता ने पीएम मोदी के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की है।
NCP की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि उनके पास विकल्प था कि वह सत्ता और संघर्ष में से कोई एक चुनें और उन्होंने संघर्ष को चुना। सुले ने ये बात जुलाई में पार्टी में हुई दो फाड़ का जिक्र करते हुए कहा।
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