एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के मामलों को देखने के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है। साथ ही ऋणशोधन प्रक्रिया के तहत उसके निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया था। गो फर्स्ट ने तीन मई से उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है।
एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी।
NCLAT ने बृहस्पतिवार को SMBC एविएशन कैपिटल की याचिका पर सुनवाई की। मामले की आंशिक सुनवाई हुई और दो सदस्यीय पीठ शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगी।
एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है। उसने स्वैच्छिक रूप से दिवाला कार्यवाही के लिये आवेदन दिया। साथ ही वित्तीय बाध्यताओं पर अंतरिम रोक का आग्रह किया। गो फर्स्ट पहले ही 15 मई तक टिकट की बिक्री निलंबित कर चुकी है।
हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया के लिए समयसीमा 31 जनवरी, 2023 तक बढ़ा दी थी।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में विजय कुमार अय्यर को नियुक्त किया।
एनसीएलएटी ने एबिक्स सिंगापुर के मामले में आए उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला देते हुए कहा, सीओसी द्वारा समाधान योजना को मंजूरी देने के बाद संबंधित पक्षों के बीच किसी तरह की बातचीत की गुंजाइश नहीं बचती।
एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को मामलों की सुनवाई की। केंद्रीय बैंक ने अपने वकील संजय गिनोदिया के माध्यम से याचिकाएं दायर की हैं।
कोलकाता में मुख्यालय वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी पिछले साल दिसंबर से मानव संसाधन से जुड़े संकट का सामना कर रहा है।
रिलायंस रिटेल ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वह फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार, लॉजिस्टिक्स कारोबार का 24,713 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। इस सौदे को अमेजन ने चुनौती दी है।
पीठ ने इंडियन बैंक एसोसियेसन से भी कहा है कि वह कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों के बैंक खातों और लॉकर्स का ब्योरा उपलब्ध कराये और उन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाये।
रिलायंस इंफ्राटेल पर कुल 4339.58 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि सफल समाधान आवेदक ने 3720 करोड़ रुपये की योजना पेश की है।
यरलाइन के वित्तीय ऋणदाताओं ने 7,807.75 करोड़ रुपये का दावा किया था। इस लिहाज से उन्हें समाधान योजना में भारी कटौती का सामना करना होगा।
एनसीएलटी ने जून, 2019 में भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह द्वारा जेट एयरवेज के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार किया था।
वित्त मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा है कि विभिन्न व्यवसायों पर बढ़ते दबाव को देखते हुये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने पर रोक अवधि को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये।
ओयो का कहना है कि एक गुस्साए होटल मालिक ने 16 लाख रुपये के विवाद के चलते 9 अरब डॉलर की वैल्यू वाले स्टार्टअप को कोर्ट में घसीटा है।
जेट एयरवेज 2019 की शुरुआत में बंद हो गई थी और इसके बाद यह दिवालिया और समाधान प्रक्रिया में आ गई थी।
एनसीएलटी ने एक समाधान पेशेवर की नियुक्ति का आदेश दिया और एसबीआई को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा।
एसबीआई ने 1,200 करोड़ रुपये की वसूली के लिए यह याचिका दायर की है
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था।
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