कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव लड़ा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं। उपराज्यपाल के सामने बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायक चाहिए।
नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों ने उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया है। इसके साथ ही उमर का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर उभरी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले ही 41 सीटों पर जीत दर्ज कर रही है। इस बीच, बीच फारूक अब्दुल्लाह ने धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर की गांदरबल विधानसभा सीट इस बार काफी खास है। चर्चा है कि उमर अब्दुल्ला इस बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। 2008 में उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल से चुनाव लड़ा था। जीतकर जम्मू-कश्मीर के सीएम भी बने थे।
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो जाने से राज्य के सियासी समीकरण काफी बदल गए हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में बारामूला सीट से पीडीपी उम्मीदवार जाविद हसन बेग ने जीत दर्ज की थी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के बीच गठबंधन हो गया है। ऐसे में कई सीटों पर एनसी और कांग्रेस को सीधे तौर पर फायदा होने वाला है। यहां जम्मू-कश्मीर की सोनावरी विधानसभा सीट का सियासी समीकरण जानते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पार्टी के उन अन्य नेताओं के साथ बैठक की जो पिछले एक साल से नजरबंद थे।
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने नेशनल कान्फ्रेंस (नेका) नेताओं के शिष्टमंडल को पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दी थी।
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया था। एक शख्स जम्मू में फारुक के घर के पास बैरिकेंडिंग तोड़ते हुए उनके घर में घुसने में कामयाब हो गया था।
नई दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में शरद यादव द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘सांझी विरासत बचाओ’ में अब्दुल्ला ने इन बातों का उल्लेख किया है। इस कार्यक्रम में अब्दुल्ला के अलावा राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, रामगोपाल यादव, तारिक अनवर, सीताराम येचुरी सहित
‘आपको साहस के साथ मुसीबत का सामना करना होगा। युद्ध नहीं कर सकते, उनके पास भी एटम बम है और आपके पास भी है। यह रास्ता नहीं है, रास्ता बातचीत का है। दोस्तों को इस्तेमाल कीजिए बातचीत करने के लिए, हल करने के लिए।‘
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