व्रत रखने पर जब खाने की कमी से शरीर में कैलोरी इनटेक भी कम होता है..और बॉडी को एनर्जी कम मिलती है...ऐसी कंडीशन में मेटाबॉलिज्म शरीर में मौजूद चर्बी से जरूरी एनर्जी हासिल करता है...और फैट बर्न होने लगता है
Chaitra Navratri पर भूल से भी घर न लाएं यह 4 चीजें, खुल सकते हैं कंगाली के द्वार ! India TV Astro
Navratri Niyam: Chaitra Navratri में Parlour जाना सही या गलत, इस Navratri किन नियमों का रखें ध्यान?
Navratri के तीसरे दिन करें इन मंत्रों का जाप, Maa Chandraghanta की बरसेगी असीम कृपा |India TV Astro
Lok Sabha Navratri 2023 Holiday: लोकसभा में सपा के नेता एसटी हसन और शफीकुर्रहमान बर्क अपने विवादित बयानों की वजह से अकसर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने संसद में प्रतिपदा की छुट्टी का विरोध करते हुए बड़े सवाल उठाए हैं.
Chitra Navratri 2023: लोकसभा में सपा के नेता एसटी हसन अपने विवादित बयानों की वजह से अकसर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने संसद में प्रतिपदा की छुट्टी का विरोध किया है और कहा है कि यह एक समुदाय को खुश करने के लिए किया गया है।
Navratri 2023: आज से विक्रमी संवत 2028 की शुरूआत हिंदू नववर्ष पर कहां-कहां महाअभियान ? चैत्र नवरात्रि 22 मार्च यानी आज से शुरू हो चुकी है. इस साल नवरात्रि बहुत शुभ संयोग में शुरू हो रही है.
देवियों के खास किस्म के लकी पैटर्न हैं और फूल, खुशूबू व रंग का मिलाजुला रूप और इनका सीधा संबंध घर के वास्तु शास्त्र से है।
कर्क राशि को आप अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेंगे। संतान के स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आने से आपको खुशी होगी। छात्र अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने का मन बनाएंगे।
मां का ये धाम हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है। ये पवित्र मंदिर भी 51 शक्ति पीठों में से एक है। मान्यता है इस स्थान पर माता सती के नेत्र गिरे थे। यहां पर मां नैना देवी के साथ ही काली माता और भगवान गणेश की प्रतिमा भी विराजमान है।
मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता और उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता।
शारदीय नवरात्र के दौरान षष्ठी तिथि को आज देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जायेगी। आज दोपहर पहले 11 बजकर 50 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा।
वैसे तो काशी भगवान भोलेनाथ की नगरी मानी जाती है लेकिन यहां भगवान शिव के अलावा मां दुर्गा का पुरातन और भव्य मंदिर है। इस मंदिर को दुर्गा कुंड के नाम से जाना जाता है। जानिए दुर्गा मां के इस मंदिर से जुड़ी पूरी कहानी।
नवरात्र के दिनों में माता के दर्शन करने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। दिल्ली के इन्हीं मंदिरों में से एक झंडेवाली माता का मंदिर है। जहां पर भक्त सुबह से कतार में लगकर मां के दर्शन करने के लिए आतुर रहते हैं। आज हम आपको दिल्ली के सुप्रसिद्ध मंदिर झंडेवाली माता के मंदिर की कहानी बताएंगे।
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, सदाचार, संयम आदि की वृद्धि होती है |
कोरोना की गाइडलाइन के बीच महाकुंभ में आज तीसरा शाही स्नान आयोजित है | आम जनता को ब्रम्हा कुंड पर सुबह 7 बजे तक ही जाने की अनुमति दी गई है, उसके बाद क्षेत्र को अखाड़ों के लिए आरक्षित किया जाएगा।
आज से देवी के नवरात्र शुरू हो गए हैं, नवरात्र के इन नौ दिनों में दुर्गा मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
नवरात्र शुरू हो गए हैं और 28 जनवरी को पूर्णिमा के दिन ये नवरात्र समाप्त होंगे। साल भर में चार बार नवरात्र मनायी जाती हैं। चैत्र, आषाढ़, आश्विन और पौष, इन चार महीनों में नवरात्र का त्यौहार मनाया जाता है।
झंडेवाली माता का मंदिर सिद्ध मंदिरों में से एक है, झंडेवाली माता की कहानी बहुत कम लोग जानते हैं, तो आइये जानते इस मंदिर की अद्भुत कहानी |
नवरात्रि के मौके पर देशभर के मंदिरों में भक्त पूजा-अर्चना कर रहे हैं। COVID-19 महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिग समेत अन्य सुरक्षा उपायों के साथ मंदिरों में देवी की पूर्जा-अर्चना हो रही है। मंदिरों के दरवाजे सैनिटाइजेशन टनेल भी लगाए गए हैं।
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