नवरात्र के सप्तमी तिथि में माता दुर्गा के सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी।
कोलकाता में अलग-अलग थीम पर दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं, जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
कोलकाता के 'दुर्गा पंडाल' को देखने के लिए लोग काफी उत्साहित रहते हैं। इस बार 'नाकतल्ला उद्यान संघ क्लब' ने यूनीक थीम पर दुर्गा पंडाल को तैयार किया है।
दुर्गा पूजा 11 अक्टूबर से लेकर 15 अक्टूबर तक है। इस खास मौके पर अपने करीबियों और दोस्तों को इस अंदाज में दें दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं।
5 दिन चलने वाले इस उत्सव में मां दुर्गा के साथ मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा अर्चना की जाती है। जानिए दुर्गा पूजा के बारे में विस्तार से।
देवियों के खास किस्म के लकी पैटर्न हैं और फूल, खुशूबू व रंग का मिलाजुला रूप और इनका सीधा संबंध घर के वास्तु शास्त्र से है।
कर्क राशि को आप अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेंगे। संतान के स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आने से आपको खुशी होगी। छात्र अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने का मन बनाएंगे।
मां का ये धाम हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है। ये पवित्र मंदिर भी 51 शक्ति पीठों में से एक है। मान्यता है इस स्थान पर माता सती के नेत्र गिरे थे। यहां पर मां नैना देवी के साथ ही काली माता और भगवान गणेश की प्रतिमा भी विराजमान है।
मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता और उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता।
शारदीय नवरात्र के दौरान षष्ठी तिथि को आज देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जायेगी। आज दोपहर पहले 11 बजकर 50 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा।
देवियों के खास किस्म के लकी पैटर्न हैं और फूल, खुशूबू व रंग का मिलाजुला रूप और इनका सीधा संबंध घर के वास्तु शास्त्र से है।
शारदीय नवरात्र के दौरान षष्ठी तिथि को देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
नवरात्रि पर पूरे देश में मां दुर्गा की पूजा के लिए भव्य पंडाल बनाए गए हैं। कोलकाता में दुर्गा पूजा खास होती है। ऐसे में यहां पर पंडाल की खूबसूरती देखते ही बनती है।
शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले स्कन्द कुमार, यानि कार्तिकेय जी की माता होने के कारण ही देवी मां को स्कंदमाता कहा जाता है।
शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।
नवरात्रि के दिनों में कोलकाता अपनी प्राचीन प्रथाओं को लेकर काफी सुर्खियों में रहता है। हर साल नवरात्रि के दौरान माता का स्वागत ढाकी से होता है।
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन माता दुर्गा के चंद्रघंटा और कूष्मांडा दोनों ही स्वरूपों की पूजा की जाएगी। जानिए पूजा विधि, मंत्र और भोग
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करते समय कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
कई बार ऐसा देखा गया है कि लोग व्रत के दौरान ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जिससे वजन कम होने के बजाय बढ़ने लगता है, खासकर नौ दिनों के नवरात्रि व्रत के दौरान।
वैसे तो काशी भगवान भोलेनाथ की नगरी मानी जाती है लेकिन यहां भगवान शिव के अलावा मां दुर्गा का पुरातन और भव्य मंदिर है। इस मंदिर को दुर्गा कुंड के नाम से जाना जाता है। जानिए दुर्गा मां के इस मंदिर से जुड़ी पूरी कहानी।
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