परिवार में खुशहाली के लिये, अच्छे स्वास्थ्य के लिये और यश, बल तथा आयु की वृद्धि के लिये आज के दिन मां कुष्माण्डा का ध्यान करके इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा।
दैत्यों के गुरु शंकराचार्य मृत संजीवनी पढ़कर मरे हुए दैत्यों को फिर से जिंदा कर देते थे। आज हम आपको मृत संजीवनी विद्या के बारें में बताएंगे। 31 अक्षरों वाली इस विद्या को सिद्ध करके मरे हुये व्यक्ति को भी जिंदा किया जा सकता है
किसी भी तरह की परेशानी से मुक्ति पाने के लिये आज के दिन मां चंद्रघंटा का ध्यान करके उनके इस मंत्र का जाप करना चाहिए। जानिए ऐसे ही और उपायों के बारें में
तंत्र शास्त्र के अनुसार ऐसी कई चीजें है। जिनका इस्तेमाल कर आसानी से आप धन-सपंत्ति और मान-सम्मान पा सकते है। जानिए ऐसैे कौन सी चीज है जिसे नवरात्र में घर लाना होगा शुभ...
नवरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. इस दिन मां के चंद्रघंटा स्वरुप की उपासना की जाती है। इनके सिर पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। जानिए पूरी पूजा-विधि के बारे में...
Chaitra Navratri 2019 : ये बात बहुत ही कम महिला जानती होगी कि शास्त्रों में बालों को खुला छोड़ना अच्छा नहीं माना जाता हैं। जानिए इसके पीछे का क्या है कारण।
नवरात्रि के 9 दिन जहां हम प्रतिदिन अलग-अलग देवियों की पूजा करते हैं, वहीं कई जगहों पर मंत्र-जाप करने का भी प्रचलन हैं। जानिए ऐसे मंत्र के बारें में जिससे करनें से आप कुछ ही दिनों में धनवान हो जाएंगे।
नवरात्रि के दिनों में घर के मुख्य दरवाजे पर तोरण लगाई जाती है, साथ ही कई लोग ध्वजा भी लगाते हैं, लेकिन ये क्यों लगाएं जाते हैं और वास्तु शास्त्र में इनका क्या महत्व है। जानिए इसे लगाने क्या होता है...
आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और नवरात्र का दूसरा दिन है। आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जायेगा। यहां 'ब्रह्म' शब्द का अपरार्थ तपस्या से है और 'ब्रह्मचारिणी' का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली।
आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन है। इस दिन माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी का दिन है। इसके साथ ही आज यायीजयद नामक शुभ योग बन रहा है।
चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने का विधान है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है।
Chaitra Navratri 2018 Messages in Hindi: हर साल चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चलने वाले नवरात्र ही ज्यादा लोकप्रिय हैं। धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवर
नवरात्र में जो व्यक्ति व्रत करता है। उसे थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। जिससे मां की कृपा उनपर हमेशा बनी रहें। इसी तरह कुछ काम है जो नवरात्र के समय में बिल्कुल नहीं करने चाहिए। जानिए ऐसें कौन से काम है जो नवरात्र के समय में बिल्कुल नहीं करने चाहिए।
18 मार्च चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है और 25 मार्च को नवरात्र समाप्त होंगे। इस बार अष्टमी तिथि के क्षय होने से अष्टमी और नवमी तिथि, दोनों 25 मार्च को पड़ रही हैं। जानिए कलश स्थापना करने की सही विधि के बारें में...
त्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ ही 18 मार्च से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्ध योग बन रहा है। वहीं राजा सूर्य और मंत्री शनि होगे। जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त...
इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत में ही सिद्धियोग लग रहा है। जो कि बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इसके साथ ही सप्तमी और अष्टमी एक ही दिन पड़ रहे है। जानिए किस दिन किस देवी को पूजा जाता है। साथ ही जाने घटस्थापना का शुभ मुहूर्त।
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