NATO vs Russia: नाटो संगठन ने पूर्वी यूरोप में हजारों सैनिक भेजे हैं, जो रूसी सीमा के पास सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इसके चलते ये आशंका जताई जा रही है कि पुतिन इन बाल्टिक देशों पर हमला करके इन्हें कब्जा सकते हैं।
NATO Summit 2022: रूस ने यूक्रेन पर हमला ही इसलिए किया था क्योंकि वह नाटो में जाने को बेताब था। जेलेंस्की के नाटो समिट में भाग लेने से रूस और बौखला भी सकता है।
दोनों देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले से बढ़ी चिंताओं के बीच सबसे बड़े सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए यह कदम उठाया है।
यूक्रेन के जवानों ने टैंक चालक दल के सदस्य शिशिमारिन को पकड़ लिया था।
विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वीडन और फिनलैंड इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वह मई 2022 तक नाटो सदस्यता पाने के लिए आवेदन करेंगे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक मेदेवदेव ने स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की संभावना का जिक्र करते हुए कहा कि अब बाल्टिक की किसी भी गैर-परमाणु स्थिति के बारे में बात करना संभव नहीं होगा, संतुलन बहाल किया जाना चाहिए।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध् को 50 दिन से भी अधिक समय बीत गया है। दरअसल, इस युद्ध की बुनियाद है 'नाटो'। जानिए 6 खास कारण कि आखिर नाटो से रूस क्यों डरता है। ये भी जानें कि क्या है यह संगठन और क्यों अस्तित्व में आया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जब फिनलैंड की संसद में भाषण दे रहे थे, ठीक उसी समय देश की सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया गया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने शुक्रवार को बीजिंग में दैनिक ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से कहा कहा कि बीते कुछ सालों में NATO का तेजी से विस्तार हुआ है।
नाटो ने कहा कि गठबंधन का यह आकलन यूक्रेन के अधिकारियों से मिली जानकारी तथा खुले स्रोतों से जुटायी गयी खुफिया सूचनाओं पर आधारित है जिसे रूस ने जानबूझकर जारी किया या नहीं किया।
एक इंटरव्यू में यू्क्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने कहा- 'नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वे हमें स्वीकार कर रहे हैं, या खुले तौर पर कहें कि वे हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वे रूस से डरते हैं जो सच है।'
नॉर्वे की सेना के मुताबिक दुर्घटना का शिकार हुआ विमान अमेरिकी नौसेना का वी-22बी ऑस्प्रे विमान था।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अमेरिकी जज जोन ई. डोनोग्यू ने कहा है कि रूस 24 फरवरी को शुरू किए गए विशेष सैन्य अभियानों को तुरंत रोके।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग की बढ़ी चिंता, यूक्रेन में मॉस्को द्वारा रासायनिक हथियारों के साथ एक झूठा अभियान चलाने की आशंका
स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन में रूस के हमले से 10 लाख से अधिक लोग देश छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जारी हमले के दौरान उसके हवाई अड्डों और ईंधन सुविधा केंद्रों को निशाना बनाया है। यह हमले का दूसरा चरण प्रतीत हो रहा है, जो तीव्र प्रतिरोध के कारण धीमा हुआ है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने ‘मॉस्को पर बहुत गंभीर प्रहार करने’ का फैसला किया है।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से यूरोपीय महाद्वीप की शांति भंग हो गई है। स्टॉल्टेनबर्ग ने शुक्रवार (25 फरवरी) को नाटो गठबंधन के नेताओं का शिखर सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया है।
NATO ने दो टूक कहा कि रूस अपनी सैन्य कार्रवाई तुरंत रोके। NATO ने कहा कि हमारे 100 फाइटर जेट हर वक्त तैयार है, हमारे 120 वॉरशिप भी हर वक्त तैयार हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। इस तनाव में तीसरे विश्वयुद्ध की आहट सुनाई दे रही है। क्या यूरोप तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा है?
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