रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बाइडेन के उस बयान को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रूसी सेना द्वारा नाटों देशों पर हमले की योजना बनाने का दावा किया था। पुतिन ने कहा कि बाइडेन का यह बयान पूरी तरह बकवास है और इसमें कोई दम नहीं है।
रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद नाटों देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए घटने लगा है। अब नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की हार का खतरा बहुत बढ़ गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो चीफ के एक बयान ने सनसनी मचा दी है। नाटो चीफ जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन से बुरी खबर आने का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि नाटो देशों को अब यूक्रेन से बुरी खबर सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनके इस बयान से यूरोपीय देशों की हताशा भी झलक रही है और रूस की जीत का पूर्वाभास भी।
नाटो संगठन के एक देश ने दूसरे के खिलाफ ही हमला कर दिया है। तुर्की के हमलावर ड्रोन से अमेरिकी सुरक्षाबलों को खतरा लगा। इस पर कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सुरक्षाबलों ने हमलावर ड्रोन को मार गिराया। जानिए कैसे हुआ यह दुर्लभ मामला?
नाटो संगठन के ये देश रूस की सीमा पर करीब 41 हजार सैनिकों के साथ जुटेंगे और आने वाले समय में किसी भी नाटो कंट्री पर होने वाले रूसी हमले को नेस्तनाबूद करने का अभ्यास करेंगे।
अमेरिका ने कहा है कि पायलट्स की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद डेनमार्क और नीदरलैंड्स यूक्रेन को ये विमान भेज सकेंगे। ये ट्रेनिंग इसी महीने शुरू होगी।
एर्दोगन ने बुधवार को कहा कि स्वीडन की नाटो सदस्यता के प्रस्ताव को अक्टूबर से पहले तुर्की की संसद द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाएगा।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेता यूक्रेन के साथ संबंधों के लिए एक सांकेतिक नया मंच स्थापित करने के उद्देश्य से बुधवार को एकत्र हुए। उन्होंने रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता उपलब्ध कराने का वादा करने के बाद यह कदम उठाया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नाटो शिखर सम्मलेन के दौरान जी-7 देश यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा की घोषणा करने वाले हैं। इससे यूक्रेन को रूस से युद्ध लड़ने के लिए नाटो और यूरोपीय देश हथियार व अन्य मदद देते रहेंगे। इससे रूस की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का आमंत्रण नहीं दिया गया। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को काफी हताशा हुई है। उन्होंने नाटो का सदस्य बनाने के लिए लिथुआनिया द्वारा खुला समर्थन करने के लिए धन्यवाद किया है। साथ ही कहा-यदि यूक्रेन सदस्य बनता है तो वह नाटो को मजबूत बनाएगा।
लिथुआनिया में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) को दो दिनी शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इससे पहले नाटो महासचिव ने यूक्रेन को 'नाटो' संगठन में शामिल करने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
स्वीडन ने पिछले साल सैन्य संगठन 'नाटो' की मेंबरशिप के लिए पिछले साल आवेदन किया था। लेकिन तुर्की और हंगरी जैसे देशों से उसे समर्थन नहीं मिला है। अब तुर्की ने स्वीडन को समर्थन देने की बात तो कही है, लेकिन एक बड़ी शर्त भी रख दी है।
रूस-यूक्रेन में इस वक्त बखमुद में भारी जंग चल रही है। जेलेंस्की ने कहा है कि बखमुत में यूक्रेनी सेना को भीषण संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। यहां सबकुछ खत्म हो चुका है। वहीं नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक यूक्रेन को नाटो सदस्यता देने पर विचार करेंगे।
उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रमों को तेजी से अंजाम दे रहा है। इससे दक्षिण कोरिया ही नहीं, बल्कि नाटो देश भी परेशान हो चुके हैं। अमेरिका भी कई बार किम जोंग उनक को चेतावनी दे चुका है। मगर किम जोंग उन मानने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे उत्तर कोरिया के साथ नाटो देशों का तनाव बढ़ना तय है।
तुर्की एक तरफ जहां स्वीडन को NATO में शामिल करने में आनाकानी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया है।
चीन की बढ़ती दादागिरी पर लगाम कसने के लिए 'नाटो' ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए जापान में सैन्य संगठन 'नाटो' ने अपना दफ्तर खोलने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। जल्द ही इसकी घोषणा होगी। 'नाटो' का एशिया में इस तरह का पहला दफ्तर होगा।
तुर्की स्वीडन को नाटो सदस्य बनाए जाने के खिलाफ खड़ा हो गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन ने नाटो की सिफारिश का खुलकर विरोध किया है। साथ ही स्वीडन को नाटो की सदस्यता के लिए फिलहाल अयोग्य बताया है। साथ ही उसे अपने अंदर सुधार लाने की नसीहत दी है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच सैन्य संगठन नाटो अब नए सिरे से रूस को घेरने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर जो फेरबदल कि गए हैं, उसे नाटो और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मिलकर इसे अगली बैठक में पेश करेंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध को 16 माह हो चुके हैं। इस दौरान सबसे बड़ा घटनाक्रम रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप का पुतिन से बगावत होना है। इससे यूक्रेन को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अचानक येवगिनी प्रिगोझिन ने पुतिन से सशस्त्र विद्रोह को वापस ले लिया। अब यूरोपीय संघ और नाटो पुतिन की ताकत का आकलन नहीं कर पा रहा।
टेलीविज़न पर राष्ट्र के नाम एक संबोधन में पुतिन ने चेतावनी भरी लहजे में कहा कि रूस में ब्लैकमेल या आंतरिक अशांति बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश और यूक्रेन चाहते हैं कि रूसी एक-दूसरे को मार डालें।
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