ट्रंप ने NATO और कनाडा के लिए नए अमेरिकी राजदूत के नाम का ऐलान कर दिया है। इससे यूरोपीय यूनियन और ट्रूडो की टेंशन बढ़नी शुरू हो गई है। ट्रंप 20 जनवरी को अपने शपथ ग्रहण से पहले कैबिनेट मंत्रियों का भी नाम लगभग तय कर चुके हैं।
रूस से युद्ध के ढाई वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलने से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अब हताश होने लगे हैं। उन्होंने अपने सहयोगियों से मिलकर अब यूक्रेन युद्ध में शांति खोजने के प्रयासों पर काम शुरू कर दिया है।
व्लादिमीर पुतिन ने रूस की परमाणु नीति को बदल दिया है। नई नीति के अनुसार अब रूस पर हमले का समर्थन करने वाली परमाणु शक्ति को आक्रमणकारी माना जा सकता है।
यूक्रेन को रूस पर पश्चिमी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की चर्चाओं के बीच पुतिन ने परमाणु जंग की असली तैयारी शुरू कर दी है। नाटो की सीमा पर रेडियोएक्टिव स्पाइक की मौजूदगी से नाटो से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मच गया है।
अगर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए पश्चिमी मिसाइलों और हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो यह जंग खतरनाक हो सकती है। ऐसे में पुतिन एक नया परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने पर अब परमाणु युद्ध की आशंका फिर से तेज हो रही है। अगर भारत, ब्राजील और चीन की ओर से युद्ध में शांति के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं होते तो दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। क्योंकि परमाणु युद्ध का असर किसी न किसी रूप में पूरे विश्व पर होगा।
जर्मनी स्थित नाटो के एयर बेस पर खुफिया सूचना के अनुसार हमले का खतरा है। इस सूचना ने नाटो देशों में खलबली मचा दी है। आखिर वह कौन देश या संगठन है, जो नाटो के एयरबेस को उड़ाना चाहता है। कहीं वह रूस तो नहीं। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। मगर एयरबेस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
चीन एशिया में नाटो के बढ़ते प्रभाव से परेशान नजर आ रहा है। चीन ने नाटो से कहा है कि वह उसकी आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करना बंद कर दे और एशिया-प्रशांत के देशों के बीच अराजकता ना फैलाए।
रूस-यूक्रेन के बीच लंबे होते युद्ध और पुतिन की बढ़ती युद्ध क्षमताओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नाटों देशों को बड़ा संदेश दिया है। बाइडेन ने नाटो देशों को अपनी रक्षा प्रणाली मजबूत बनाने के साथ उन्हें अपना औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने को भी कहा है। बाइडेन का यह बयान किसी बड़ी जंग की आहट तो नहीं।
यूक्रेन से छिड़ी जंग के बीच चीन के रिश्ते रूस से लगातार गहराते जा रहे हैं। इसे लेकर नाटो में चिंता भी बढ़ती जा रही है। बीजिंग पर कई बार मॉस्को को हथियारों की मदद करने का भी आरोप लगता रहा है। ऐसे वक्त में रूस-चीन के रिश्तों में गहराई बढ़ने पर नाटो देश अब सतर्क हो गए हैं।
जिस नाटो संगठन का सदस्य बनने के लिए यूक्रेन ने खुद को बर्बादी के बारूद पर रख दिया, अब वह उसका सदस्य नहीं बन पाएगा। यूक्रेन के सबसे बड़े मददगार अमेरिका ने ही कह दिया है कि रूस से युद्ध समाप्त होने के पहले यूक्रेन को इस संगठन का सदस्य नहीं बनाया जाएगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब ढाई वर्ष बीत जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा दावा किया है। बाइडेन का कहना है कि रूस अब यूक्रेन युद्ध में विफल हो रहा है, किसी को (खासकर नाटो) को कोई गलती करने की जरूरत नहीं है। बाइडेन ने कहा कि 2 साल में रूस के 3.5 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं।
फ्रांस में संसदीय चुनाव की घड़ी नजदीक है। ऐसे में दक्षिणपंथी नेता बार्डेला अपनी पार्टी के पुराने स्टैंड से पीछे हट गए हैं। उनकी पार्टी की ओर से कहा गया था कि वह सत्ता में आते हैं तो फ्रांस को नाटो सैन्य कमांड से बाहर कर देंगे। मगर अब उनका कहना है कि युद्ध के दौर में यह फैसला घातक हो सकता है।
रूस के खिलाफ 2 वर्षों से अधिक समय से जंग लड़ रहे यूक्रेन की हालत अब खस्ता होने लगी है। यूरोपीय देशों का समर्थन अब कम होने से जेलेंस्की की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। अब हंगरी ने भी यूक्रेन को समर्थन देने वाले नाटो के अभियान से खुद को अलग कर लिया है।
व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन तमाम सवालों के बड़ी बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने दुनिया में अमेरिकी नेतृत्व की स्थिति पर रुख स्पष्ट करते हुए जवाब दिया।
यूरोपीय देश स्वीडन भी नाटो में शामिल हो गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी घोषणा की। वहीं स्वीडन ने नाटो में शामिल होकर रूस की टेंशन बढ़ा दी है।
रूस और यूक्रेन में जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दो साल पूरे होने पर भी यह जंग जारी है। इसी बीच यूक्रेन में सैन्य टुकड़ी भेजने के बारे में नाटो प्रमुख ने बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने क्या कहा?
रूस और यूक्रेन की जंग में नाटो पूरी तरह से यूक्रेन की सहायता करके रूस के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि रूस भी पीछे हटने वाला नहीं है। इसी बीच यूक्रेन के लिए नाटो 1.2 अरब डॉलर की मदद देने जा रहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बाइडेन के उस बयान को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रूसी सेना द्वारा नाटों देशों पर हमले की योजना बनाने का दावा किया था। पुतिन ने कहा कि बाइडेन का यह बयान पूरी तरह बकवास है और इसमें कोई दम नहीं है।
रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद नाटों देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए घटने लगा है। अब नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की हार का खतरा बहुत बढ़ गया है।
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