यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है। इसे लेकर कई देश अपने-अपने कदम उठा रहे है ताकि युद्ध की तबाही को रोका जा सके। आज इस प्रयास में यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने भारत को हस्तक्षेप करने कहा है। और आज की रात किसी भी समय पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने वाले हैं। क्या भारत तृतीय विश्व युद्ध जैसी विषम परिस्थिति को रोक पाएगा ?
नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से यूरोपीय महाद्वीप की शांति भंग हो गई है। स्टॉल्टेनबर्ग ने शुक्रवार (25 फरवरी) को नाटो गठबंधन के नेताओं का शिखर सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया है।
NATO ने दो टूक कहा कि रूस अपनी सैन्य कार्रवाई तुरंत रोके। NATO ने कहा कि हमारे 100 फाइटर जेट हर वक्त तैयार है, हमारे 120 वॉरशिप भी हर वक्त तैयार हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। इस तनाव में तीसरे विश्वयुद्ध की आहट सुनाई दे रही है। क्या यूरोप तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा है?
NATO प्रमुख ने कूटनीतिक समाधान के लिए प्रयास जारी रखने की रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन की पेशकश का स्वागत किया है।
रूस-यूक्रेन संकट परभारत के लिहाज से देखा जाए तो सबसे अहम सवाल यह है कि भारत का रूख इस पर क्या होगा। क्योंकि रूस भी भारत का परंपरागत मित्र है और अमेरिका से भी उसके अच्छे संबंध हैं। जानिए इस बारे में विदेश मामलों के शीर्ष जानकारों की क्या राय है।
ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में दो दिनों तक चली रक्षा मंत्रियों की बैठक में चर्चा हुई कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला कर देता है तो ऐसी स्थिति में रूस के नजदीक और काला सागर के क्षेत्र में सैनिकों तथा उपकरणों/साजो-सामान को तत्काल कैसे भेजा और पहुंचाया जाए।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने की गहन कूटनीति के बीच रूस द्वारा बेलारूस भेजे गए हजारों सैनिक सैन्य अभ्यास में जुटे हैं। इस बीच, नाटो के और सुरक्षा बल अपने सहयोगी देश यूक्रेन की पूर्वी सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं।
यूक्रेन की सीमा पर रूस के एक लाख सैनिकों के जमावड़े के बाद से ही रूस और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसी बीच नाटो संगठन के अनुसार नाटो देशों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अमेरिका ने अपने 6 फाइटर एअरक्राफ्ट भेजे हैं।
वाशिंगटन। रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव कम नहीं हो रहा है। इस जारी तनाव के बीच अमेरिका ने भी रूस के यूक्रेन सीमा के समीप जमे 1 लाख रूसी सैनिकों के जवाब में और अधिक सैनिकों को यूरोप भेज रहे हैं।
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस की प्रमुख सुरक्षा मांगों की अनदेखी की है। यूक्रेन पर पश्चिमी देशों के साथ गतिरोध पर एक महीने से अधिक समय में अपनी पहली टिप्पणी में पुतिन ने कहा कि क्रेमलिन अभी भी रूसी सुरक्षा मांगों पर अमेरिका और नाटो के जवाब का अध्ययन कर रहा है, जो उन्हें पिछले सप्ताह मिला था।
पुतिन ने कहा है कि अगर नाटो यूक्रेन को गठबंधन में शामिल करने से मना कर देता है तो वह पीछे हट जाएगा, लेकिन उसकी यह मांग खारिज कर दी गई है।
लावरोव ने तर्क दिया कि रूस की सीमाओं के पास नाटो बलों और हथियारों की तैनाती एक सुरक्षा चुनौती है जिसका तुरंत समाधान किया जाना चाहिए।
यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति ने जन विरोधों को नजरअंदाज किया जिसके बाद रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर चढ़ाई कर दी थी।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को रूस को आगाह किया कि यूक्रेन को और अस्थिर करने की कोई भी कोशिश एक महंगी गलती होगी।
अमेरिका ने अफगानिस्तान पर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सभी मित्र देशों और नाटो के सदस्य देशों के साथ बैठक करने जा रहा है। ये वर्चुअल मीटिंग अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने बुलाई है जिसमें ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा, तुर्की और कतर के साथ यूरोपियन यूनियन और नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे। अफगानिस्तान से सेना और लोगों को रेस्क्यू करने की सीमा 24 घंटे बाद खत्म हो रही है ऐसे में ये मीटिंग बेहद निर्णायक हो सकती है।
NATO देशों की सेनाओं ने अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित किया था, हालांकि तालिबान के सामने लड़ाई में वे ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाए।
अफगानिस्तान की एयरफोर्स ने मंगलवार को तालिबान आतंकवादियों के ठिकाने पर बम बरसाए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार कंधार के दांड जिला, जिसे तालिबान आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है, वहां पर एक आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की।
अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी और काबुल से लगातार बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगती अपनी सीमा की अग्रिम चौकियों पर सेना के जवानों की तैनाती की है।
रूस की सेना ने सोमवार को एक नयी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस के उत्तर में श्वेत सागर में स्थित एडमिरल गोर्शकोव युद्धपोत से यह परीक्षण किया गया।
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